हिमाचल प्रदेश में पहली बार किन्नौर में मंडियों तक सेब ढुलाई का कार्य ड्रोन से किया जाएगा। बीते साल ड्रोन से सेब ढुलाई का सफल ट्रायल करने के बाद निजी कंपनी इस साल बागवानों को सुविधा उपलब्ध करवाएगी। 20-20 किलो के 5 बॉक्स के साथ 10 किलोमीटर हवाई दूरी तय करने में ड्रोन 8 मिनट लेगा। इसके लिए प्रस्तावित किराया 6 रुपये प्रतिकिलो तय किया गया है।
किन्नौर में सेब के अधिकतर बगीचे कंडा (पहाड़ी के शिखर) में स्थित हैं। दुर्गम क्षेत्रों में सड़कों की सुविधा नहीं है, जिससे बागवानों को बगीचों से फसल मुख्य सड़क तक पहुंचाने में दिक्कत आती है। मजदूरों से ढुलाई में जहां समय अधिक लगता है, वहीं मजदूरी भी ज्यादा देनी पड़ती है।
ड्रोन से ये समस्याएं हल होंगी। किन्नौर में सालाना 30 से 50 लाख पेटी सेब उत्पादन होता है। हिमाचल ड्रोन पॉलिसी बनाने वाला देश का पहला राज्य है। अभी तक मंडी, चंबा और लाहौल-स्पीति समेत अन्य दुर्गम क्षेत्रों में ड्रोन से लोगों को दवाइयां पहुंचाई जा रही हैं। स्वास्थ्य जांच के लिए सैंपल भी मंगवाए जा रहे हैं।
किन्नौर में अगस्त से सेब ढुलाई के लिए बागवानों को ड्रोन सेवाएं उपलब्ध करवाएंगे। इसके लिए 100 किलो भार उठाने की क्षमता वाला ड्रोन इस्तेमाल होगा। 10 किलोमीटर हवाई दूरी ड्रोन 7 से 8 मिनट में तय करेगा। प्रस्तावित किराया छह रुपये तय किया है। हालांकि इसमें कटौती भी हो सकती है। – अंकित कुमार, सीईओ, स्काई एयर
बीते साल हुआ था सफल ट्रायल
पिछले साल नवंबर में किन्नौर के निचार में ड्रोन से सेब ढुलाई का हुआ था सफल ट्रायल।
मन की बात कार्यक्रम में पीएम नरेंद्र मोदी किन्नौर से ड्रोन से सेब ढुलाई का कर चुके हैं जिक्र।