कार की विंडस्क्रीन 30 दिनों के भीतर बदले कंपनी : उपभोक्ता आयोग

कार की विंडस्क्रीन 30 दिनों के भीतर बदले कंपनी : उपभोक्ता आयोग

धर्मशाला। उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष हेमांशु मिश्रा, सदस्य आरती सूद और नारायण ठाकुर की खंडपीठ ने बीमा कंपनी को 30 दिन के भीतर दुर्घटनाग्रस्त कार की विंडस्क्रीन बदलने के आदेश दिए हैं। इसके अलावा मुआवजा और न्यायालयी शुल्क के रूप में भी 17 हजार रुपये शिकायतकर्ता को देने को कहा है।

जानकारी के अनुसार सुरेंद्र कुमार निवासी डोहब शाहपुर ने उपभोक्ता आयोग में शिकायत दर्ज करवाई थी। इसमें उन्होंने बताया कि उन्होंने अपनी कार की फस्ट पार्टी इंश्योरेंस न्यू इंडिया इंश्योरेंस कंपनी से करवाई थी, जो कि 28 अगस्त 2022 से 27 अगस्त 2023 तक वैध थी। इस दौरान छह अक्टूबर 2022 को हमीरपुर में एक दुर्घटना में उनकी कार क्षतिग्रस्त हो गई।

नियमों के अनुसार उन्होंने अपनी कार मरम्मत के लिए जेके मोटर्ज कांगड़ा पहुंचाई। बीमा कंपनी ने विशाल आचार्य नाम का सर्वेयर भेजा। उसकी रिपोर्ट अनुसार मरम्मत कार्य शुरू हो गया। नवंबर 2022 को उन्हें अपनी कार ले जाने का फोन किया गया। जब वह सर्विस सेंटर पहुंचे तो पाया कि कार की विंडस्क्रीन नहीं बदली है।

पूछने पर बताया गया कि इंश्योरेंस में विंडस्क्रीन का क्लेम नहीं दिया जाता है, जोकि पालिसी नियमों के विपरीत था। अगर विंडस्क्रीन को बदलना है तो 7775 रुपये देने होंगे। इसके बाद उन्होंने जिला उपभोक्ता आयोग में शिकायत दर्ज करवा दी। वहीं, आयोग ने बीमा कंपनी को आदेश दिए हैं कि बीमा कंपनी को 30 दिनों के भीतर कार की विंडस्क्रीन बदलना होगा।

आयोग ने कहा कि अगर कंपनी चाहे तो वह ग्राहक को विंडस्क्रीन बदलने के लिए 12 प्रतिशत ब्याज समेत 7,771 रुपये दे सकती है। इसके अलावा कंपनी को सात हजार रुपये मुआवजा और 10 हजार रुपये न्यायालयी शुल्क भी देना पड़ेगा।

Related posts