सीजेआई जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने एक कार्यक्रम में बताया कि कानूनी बहस में इस्तेमाल होने वाले अनुचित लैंगिक शब्दों की कानूनी शब्दावली जारी करने की योजना पाइपलाइन में है। शीर्ष अदालत की लिंग संवेदीकरण और आंतरिक शिकायत समिति के एक कार्यक्रम में सीजेआई ने यह जानकारी दी।
सीजेआई ने सेवाओं में महिलाओं की बढ़ती संख्या के साथ-साथ प्रणालीगत बाधाओं व अनुचित व्यवहार की घटनाओं के मद्देनजर दो महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं। इनमें कानूनी पेशे में अच्छे और आशाजनक विकास को उजागर करने के अलावा यौन व महिलाओं को लक्षित करने वाले अन्य पहलुओं को शामिल किया गया। सीजेआई ने कहा, पहली योजना कानूनी बहस में उपयोग किए जाने वाले अनुचित लैंगिक शब्दों की कानूनी शब्दावली जारी करने की है।
यह एक ऐसा मिशन था, जिसे उन्होंने कुछ साल पहले शुरू किया था और अब पूरा होने वाला है। उन्होंने आशा जताई कि यह इस बात पर प्रकाश डालेगा कि समाज और कानूनी पेशे में महिलाओं के साथ क्यों और कैसे भेदभाव किया जाता है। सीजेआई ने यह भी बताया कि शीर्ष अदालत अपने एनेक्सी भवन के पुनर्निर्माण के लिए प्रस्ताव लेकर आई है। इसमें महिला वकीलों के लिए एक बड़ी जगह शामिल होगी। उन्होंने कहा, यह सुप्रीम कोर्ट में महिलाओं के लिए बेहतर कार्य स्थान बनाएगा।