आईजीएमसी प्रबंधन एच3एन2 वायरस इंफ्लूजा के मामलों को लेकर सतर्क हो गया है। इसके लक्षण कोरोना की तरह ही हैं। डॉक्टरों का कहना है कि बच्चे और बुजुर्ग लोगों को इस बीमारी से बचाव की अधिक जरूरत है। हालांकि इसको लेकर अलग से आईसोलेशन वार्ड बनाने की जरूरत को चिकित्सकों ने मना किया है। आईजीएमसी में रोजाना खांसी, बुखार और गले में दर्द के सैकड़ों मरीज उपचार के लिए आ रहे हैं। अस्पताल आने वाले मरीजों के लिए मास्क पहनने की हिदायत दी जा रही है।
आईजीएमसी मेडिसिन विभाग के असिस्टेंट प्रो. डॉ. उष्येंद्र शर्मा ने बताया कि अध्ययन में सामने आया है कि बच्चों और बुजुर्ग लोगों के लिए यह बीमारी खतरनाक है। इन्हें खास ध्यान रखने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि इस बीमारी में भी कोरोना की तरह लक्षण हैं। अधिकांश लोगों का कोरोना टीकाकरण होने के कारण उन्हें ज्यादा तरह का खतरा नहीं है। बता दें कि आईजीएमसी में अब तक इस तरह का मामला नहीं आया है। यह लोगों के लिए राहत की बात है।
कोविड की तरह नहीं है खतरनाक : डॉ. राहुल
आईजीएमसी के वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राहुल राव ने बताया कि एच3एन2 वायरस इंफ्लूजा बीमारी में कोविड की तरह लक्षण आते हैं, लेकिन यह बीमारी ज्यादा खतरनाक नहीं है। कुछ एहतियात बरतने पर इस बीमारी से बचा जा सकता है।
ऐसे कर सकते हैं बचाव
आईजीएमसी के मेडिसिन विभाग के असिस्टेंट प्रो. डॉ. उष्येंद्र शर्मा ने बताया कि गर्भवती, किडनी और कीमोथैरेपी के मरीजों को खास ध्यान रखने की जरूरत है। हालांकि उन्होंने बताया कि इस बीमारी से बचाव के लिए ठंड से बचना चाहिए। किसी में इस बीमारी के लक्षण आते हैं तो अस्पताल में जांच जरूर करवाएं। चिकित्सकों का कहना है कि ऑक्सीजन की मात्रा ब्लड में कम होने पर दिक्कतें और भी बढ़ सकती हैं। उन्होंने विटामिन सी युक्त हरी सब्जी और फलों का सेवन करने की सलाह लोगों को दी।
यह हैं लक्षण: गले में दर्द, खांसी रहना, खराश होना, बुखार।
कोरोना के छह नए मामले, 98 हुए एक्टिव मामले: जिले में कोरोना के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने रविवार को कोरोना के 60 सैंपलों की जांच की थी। इनमें छह मरीजों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। वहीं एक्टिव केसों की संख्या बढ़कर 98 हो गई है। जिले में अब तक 40,136 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें 39,305 मरीज ठीक हो गए हैं। वहीं 729 मरीजों की बीमारी से मौत हुई है।