मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज यहां बताया कि हिमाचल प्रदेश ऊर्जा क्षेत्र विकास कार्यक्रम के लिए विश्व बैंक लगभग 1600 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता उपलब्ध करवाएगा, जिससे प्रदेश में नवीकरणीय ऊर्जा को एकीकृत करने सहित ऊर्जा क्षेत्र के समग्र सुधार में मदद मिलेगी। प्रदेश की हिस्सेदारी के साथ इस कार्यक्रम की कुल लागत लगभग 2000 करोड़ रुपये है। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम की अवधि 2023 से 2028 तक पांच वर्षों की है और विश्व बैंक से इस कार्यक्रम के लिए अगस्त, 2023 तक वित्तीय मदद मिलने की संभावना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्व बैंक बोर्ड ने 27 जून, 2023 को वाशिंगटन में इस कार्यक्रम को मंजूरी प्रदान की है। इस संबंध में समझौता अब जल्द ही इस वर्ष जुलाई माह में किया जाएगा और हिमाचल प्रदेश को इस फंड की पहली किस्त अगस्त, 2023 में मिलने की उम्मीद है।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि इस कार्यक्रम के अंतर्गत नवीकरणीय ऊर्जा में राज्य के संसाधनों के उपयोग, पारेषण एवं वितरण के स्तर पर राज्य ग्रिड की विश्वसनीयता और विभिन्न ऊर्जा एजेंसियों की संस्थागत क्षमताओं का उन्नयन किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस कार्यक्रम के तहत ऊर्जा क्षेत्र की व्यापक योजना के लिए एकीकृत संसाधन योजना को बढ़ावा देने, मांग प्रतिक्रिया प्रबन्धन, जल विद्युत परियोजना परिसंपत्तियों के तकनीकी उपयोग में सुधार करते हुए इन्हें नवीकरणीय ऊर्जा के अन्य स्रोतों से एकीकृत करने और राज्य में उत्पादित बिजली की प्रभावी बिक्री के लिए एकल व्यापार डेस्क की स्थापना शामिल है। उन्होंने कहा कि इन प्रयासों से राज्य में नवीकरणीय शेष क्षमता के माध्यम से बिजली की बिक्री से राजस्व में वृद्धि संभावित है।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि कार्यक्रम का लक्ष्य हिमाचल प्रदेश पावर कॉरपोरशेन लिमिटेड और हिम ऊर्जा के माध्यम से लगभग 200 मेगावाट की सौर ऊर्जा उत्पादन में नई क्षमताएं स्थापित करना है। राज्य को अपनी विद्युत आवश्यकताओं को पूरा करने दृष्टिगत सर्वोत्कृष्ट व्यापार की अनुमति प्रदान करना महत्वपूर्ण है और ऐसे में यह कार्यक्रम राज्य के भीतर ट्रांसमिशन (एचपीपीटीसीएल द्वारा) और 13 शहरों में वितरण स्तर (एचपीएसईबीएल द्वारा) पर विद्युत नेटवर्क को सुदृढ़ करने पर भी ध्यान केंद्रित करेगा। स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर (एचपीएसएलडीसी) की प्रणालियों के उन्नयन से विद्युत की मांग और आपूर्ति के बेहतर प्रबंधन में मदद मिलेगी। इन सभी मध्यस्थताओं के माध्यम से राज्य के भीतर विद्युत आपूर्ति का बेहतर हस्तांतरण विश्वसनियता और गुणवत्ता के आधार पर सुनिश्चित होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह कार्यक्रम राज्य के बिजली क्षेत्र पर लागू पर्यावरण और सामाजिक प्रणालियों को मज़बूत करेगा ताकि इन पहलुओं की बेहतर निगरानी और मूल्यांकन की अनुमति मिल सके। उन्होंने कहा कि मौजूदा मानदंडों, विनियमों और अध्ययनों के अंतर विश्लेषण के आधार पर विस्तृत पर्यावरण और सामाजिक आकलन पर भी ध्यान केंद्रित किया जाएगा। विश्व बैंक समर्थित इस कार्यक्रम के तहत जलविद्युत में कोई नए निवेश की परिकल्पना नहीं की गई है, लेकिन यह कार्यक्रम राज्य को बिजली क्षेत्र की उपयोगिताओं के लिए समान पर्यावरण और सामाजिक नीति और प्रक्रियाएं विकसित करने में सहायक होगा और राज्य में नवीकरणीय ऊर्जा के सतत् विकास के लिए मानक उपलब्ध करवाएगा। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य राज्य विद्युत क्षेत्र में महिलाओं की अधिक भागीदारी को प्रोत्साहित करना है।
ऊर्जा क्षेत्र में सुधारों के लिए विश्व बैंक हिमाचल को प्रदान करेगा 200 मिलियन डॉलर की वित्तीय सहायता
![ऊर्जा क्षेत्र में सुधारों के लिए विश्व बैंक हिमाचल को प्रदान करेगा 200 मिलियन डॉलर की वित्तीय सहायता ऊर्जा क्षेत्र में सुधारों के लिए विश्व बैंक हिमाचल को प्रदान करेगा 200 मिलियन डॉलर की वित्तीय सहायता](https://upload.wikimedia.org/wikipedia/commons/thumb/a/a6/World_Bank_building_at_Washington.jpg/250px-World_Bank_building_at_Washington.jpg)