चुनावी समर के दौरान शुरू हुई राजनितिक उठक पटक के चलते टिहरी गढ़वाल में दो पूर्व विधायकों के भाजपा में शामिल होने के झटके के बाद बदरीनाथ सीट के विधायक राजेंद्र भंडारी ने भी कांग्रेस का साथ छोड़ दिया। विधायक के इस्तीफे से कांग्रेस स्तब्ध है और भाजपा गढ़वाल संसदीय सीट के कांग्रेस मुक्त होने से उत्साहित है। गढ़वाल सीट में 14 विधानसभा सीटों में बदरीनाथ ही अकेली कांग्रेस के पास थी।
भंडारी ने तब भी कांग्रेस नहीं छोड़ी थी, जब सतपाल महाराज भाजपा में गए थे और उनका बेहद करीबी होने के नाते सियासी हलकों में भंडारी के भी कांग्रेस को अलविदा कहने की चर्चाएं गर्म थीं। 2022 का चुनाव कांग्रेस से लड़े। भंडारी को कांग्रेस से तोड़ लेने और भाजपा में जोड़ लेने अभियान में जुटे।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट कहते हैं, भंडारी से लंबी मंत्रणा हुई और वह भाजपा की विचारधारा से जुड़ने को तैयार हुए। बता दें कि भट्ट को बदरीनाथ सीट से भंडारी ने ही हराया था। भट्ट राज्यसभा में पहुंच चुके हैं। इसलिए बदरीनाथ सीट पर भंडारी ही पार्टी के अगले उम्मीदवार होंगे।प्रदेश अध्यक्ष ने मुताबिक जो भी विधायक अपनी पार्टी छोड़ कर भाजपा में आएगा उसे पार्टी उपचुनाव में उम्मीदवार बनाएगी। लिहाजा बदरीनाथ उपचुनाव में भंडारी का भाजपा के टिकट पर उपचुनाव लड़ना तय है।
गढ़वाल के साथ-साथ भाजपा ने टिहरी लोस सीट पर भी ऐसा अभियान छेड़ दिया है। गंगोत्री में कांग्रेस के पूर्व विधायक विजयपाल सिंह सजवाण व पुरोला के पूर्व विधायक मालचंद भाजपा की सदस्यता ले चुके हैं। टिहरी जिले के एक और कांग्रेस विधायक को पार्टी में शामिल कराने की चर्चाएं काफी समय से गर्म है।
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