आयोग ने सभी 16 निजी विश्वविद्यालयों से जारी हुई डिग्रियों की जांच की शुरू

आयोग ने सभी 16 निजी विश्वविद्यालयों से जारी हुई डिग्रियों की जांच की शुरू

हिमाचल प्रदेश में सभी 16 निजी विश्वविद्यालयों से जारी हुई पीएचडी डिग्रियों की जांच शुरू हो गई है। राज्य निजी शिक्षण संस्थान विनियामक आयोग की जांच कमेटी दस्तावेजों की पड़ताल करने में जुट गई है। वर्ष 2009 के बाद जारी सभी पीएचडी डिग्रियों का निजी विश्वविद्यालयों से रिकॉर्ड एकत्र कर लिया गया है। कई संस्थानों पर निर्धारित नियमों का पालन किए बिना पीएचडी करवाने का आरोप है। यूजीसी के नियमों को धता कर डिग्रियां देने का राजस्थान के कुछ निजी विश्वविद्यालयों पर आरोप है। हरियाणा में राजस्थान के निजी विश्वविद्यालयों से फर्जी तरीके से जारी डिग्रियां देने के मामले बीते वर्ष सामने आए थे। इस पर संज्ञान लेते हुए निजी शिक्षण संस्थान विनियामक आयोग ने प्रदेश में भी पीएचडी डिग्रियों की जांच करवाने का फैसला लिया है।

आयोग के पास पहुंची शिकायतों के अनुसार प्रदेश के कुछ निजी विश्वविद्यालयों में पीएचडी डिग्री देने के लिए यूजीसी से निर्धारित नियमों को पूरा नहीं किया जा रहा है। पीएचडी की डिग्री तीन वर्ष की होती है। इसे छह वर्षों के भीतर पूरा किया जा सकता है। शिकायतों के अनुसार पीएचडी डिग्री देने के लिए कुछ विश्वविद्यालय समय अवधि तक का ध्यान नहीं रख रहे हैं। आवश्यक औपचारिकताओं को भी पूरा नहीं किया जा रहा है। सात से आठ साल तक पीएचडी करवाई जा रही है। आयोग के अध्यक्ष मेजर जनरल सेवानिवृत्त अतुल कौशिक ने बताया कि हिमाचल प्रदेश के सभी निजी विश्वविद्यालयों से जारी पीएचडी डिग्रियों की जांच की जा रही है। जांच कमेटी ने विश्वविद्यालयों का निरीक्षण कर लिया है। अब दस्तावेजों की पड़ताल की जा रही है। उन्होंने कहा कि नियमों की अनदेखी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

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