हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग के पूर्व सचिव एवं एचएएस अधिकारी डॉ. जितेंद्र कंवर के खिलाफ ढाई माह बाद भी विजिलेंस में मामला दर्ज नहीं हो पाया है। जबकि प्रदेश सरकार इस मामले में पहले ही काफी देरी कर चुकी है। करीब 77 दिन पूर्व विजिलेंस ने कर्मचारी चयन आयोग के माध्यम से आयोजित होने वाली जेओए आईटी भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले का पटाक्षेप किया था।
विजिलेंस ने 23 दिसंबर 2022 को पहली एफआईआर में आयोग के पूर्व वरिष्ठ सहायक उमा आजाद और उसके दो बेटों समेत कुल आठ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। इसके साथ ही भर्ती पेपर लीक मामले में पूर्व सचिव के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य जुटाने के बावजूद भी प्रदेश सरकार ने इस मामले में एफआईआर दर्ज करने की अनुमति नहीं दी।
देरी के चलते कई जरूरी रिकॉर्ड या तो गायब करवा दिया गया या जला दिया गया। अदालत में भी पूर्व सचिव के मामले में कई बार तीखी बहस हो चुकी है। भारी दबाव के बाद एक मार्च को प्रदेश सरकार ने संबंधित एचएएस अधिकारी के खिलाफ मामला दर्ज करने की अनुमति प्रदान की। लेकिन दस दिन के बाद भी विजिलेंस के पास लिखित में कोई आदेश नहीं है।
कुल नौ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज है। इसमें से चार लोग जमानत पर रिहा हो चुके हैं। और आरोपी न्यायिक हिरासत में चल रहे हैं। जबकि नौवीं आरोपी अभ्यर्थी अभी तक विजिलेंस की गिरफ्त से बाहर है। उधर, विजिलेंस के अधिकारियों का कहना है कि अभी तक लिखित में पत्र न मिलने के चलते पूर्व सचिव के खिलाफ मामला दर्ज नहीं हो पाया है।