रेलवे अपने विभिन्न विभागों के तहत सीधी भर्ती में अग्निवीरों को गैर-राजपत्रित पदों पर 15 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करेगा। अग्निवीरों को आयु और फिटनेस परीक्षण में छूट दी जाएगी। सूत्रों के अनुसार रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) में भी अग्निवीरों के लिए आरक्षण नीति तैयार की जा रही है। रेलवे की ओर से अग्निवीरों को लेवल एक में 10 प्रतिशत और लेवल दो पर और उससे नीचे के गैर-राजपत्रित पदों में पांच प्रतिशत आरक्षण क्षैतिज आरक्षण के रूप में दिया जाएगा। ये आरक्षण बेंचमार्क विकलांगता वाले व्यक्ति (पीडब्ल्यूबीडी), पूर्व सैनिकों और पाठ्यक्रम पूरा अधिनियम अपरेंटिस (सीसीएए) को मिलने वाले आरक्षण के समान होंगे।
अग्निवीर के पहले बैच को आयु सीमा में पांच साल की छूट दी जाएगी
अग्निवीरों को शारीरिक दक्षता परीक्षा और आयु छूट में भी राहत दी जाएगी। अग्निवीर के पहले बैच के लिए पांच साल और बाद के बैचों के लिए तीन साल की छूट दी जाएगी। यह छूट लेवल -1, लेवल -2 और उससे ऊपर के पदों के लिए विभिन्न समुदायों के लिए निर्धारित मौजूदा आयु सीमा के ऊपर होगी। सूत्रों ने बताया कि रेलवे बोर्ड ने सभी महाप्रबंधकों को पत्र जारी कर कहा है कि वे रेलवे भर्ती एजेंसियों (रेलवे भर्ती बोर्ड/रेलवे भर्ती प्रकोष्ठ) की ओर से वेतन लेवल-1 और वेतन लेवल-2 व उससे ऊपर के गैर राजपत्रित पदों पर खुले बाजार से भर्ती में सैन्य बलों में सफलतापूर्वक चार साल पूरे करने वाले अग्निवीरों छूट व सुविधाएं प्रदान करें।
25 प्रतिशत अग्निवीरों को सैन्य बलों में ही मिलेगी जगह
अग्निपथ भर्ती योजना के तहत चार साल पूरे होने के बाद 25 प्रतिशत भर्तियों को सैन्य बलों में ही शामिल किया जाएगा। क्षैतिज आरक्षण से तात्पर्य कुछ श्रेणियों के लाभार्थियों जैसे महिलाओं, वेटरंस, ट्रांसजेंडरों और विकलांग लोगों को प्रदान किए गए समान अवसर से है, जो ऊर्ध्वाधर श्रेणियों से ऊपर है। कई केंद्रीय मंत्रालय, राज्य सरकारें और उद्योग निकाय नौकरी में इसी तरह की आरक्षण योजनाओं के माध्यम से पूर्व अग्निवीरों के लिए उपयुक्त कैरियर विकल्प प्रदान कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि केंद्र द्वारा पिछले साल शुरू की गई ‘अग्निपथ’ भर्ती योजना के तहत चार साल पूरे होने के बाद 25 प्रतिशत अग्निवीरों को ही बल में रखा जाएगा जबकि बाकी सेवानिवृत्त हो जाएंगे।