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भल्याणी (कुल्लू)। जिले की पौने चार लाख की आबादी की सुविधा के लिए निगम के पास महज 48 बसें हैं। इनमें से 17 बसें अपनी माइलेज पूरी कर चुकी हैं। परिवहन निगम कुल्लू का ध्यान नागरिकों की सुविधा पर कम इनकम बढ़ाने पर अधिक है। हालांकि कुल्लू डिपो में निगम के बेड़े में कुल 115 बसें हैं। लेकिन, निगम ने इन्हें लंबी दूरी के चंडीगढ़, दिल्ली, देहरादून तथा जम्मू आदि कमाऊ रूटों पर लगा रखा है।
अधिकारियों के मुताबिक लंबी दूरी के 95 रूटों में 60 बसें सेवाएं दे रही हैं जबकि लोकल 40 रूटों पर विभाग ने महज 48 बसों को लगा रखा है। एचआरटीसी ने अपने बेड़े की सात नई बसों को मोटी कमाई के ही मकसद से एनएचपीसी को ठेके पर सौंप रखा है।
जिला के ग्रामीण भल्याणी निवासी दोतम राम, देवेंद्र सिंह, विरेंद्र सिंह नेगी ने बताया कि विभाग ने उनके गांव को चलने वाली निगम की बसों में कटौती की है। कहा कि निगम का ध्यान जिला के नागरिकों को सुविधा देने के बजाए कमाई पर केंद्रित होकर रह गया है। आनी के कमल ठाकुर, रमेश ठाकुर, खराहल के दीप लाल, बंजार के मोहर सिंह, निरमंड के प्रेम ठाकुर तथा ऊझी के सदानंद ने कहा कि परिवहन मंत्री जीएस बाली से निगम की इस बदहाल स्थिति तथा निगम की कमाऊ मानसिकता को बदलने की गुहार लगाई। शालंग गांव के बुद्धि सिंह नेगी ने बताया कि इन बसों में यात्रियों को ठूंस-ठूंस कर भर दिया जाता है। निगम की बसों में सफर करना मौत को सफर जैसा है। कहा कि उनके इलाके के कुछ रूटों पर खटारा बसों को चलाया जा रहा है।
नई बसों की खरीददारी पर विचार
एचआरटीसी के क्षेत्रीय प्रबंधक पवन कुमार शर्मा ने कहा कि बसों की कमी के चलते यह समस्या आ रही है। सरकार जल्द ही नई बसों की खरीददारी पर विचार कर रही है।