हिमाचल सहकारी बैंक परियोजनाओं से बकाया ऋण वसूली को एकमुश्त देगा छूट

हिमाचल सहकारी बैंक परियोजनाओं से बकाया ऋण वसूली को एकमुश्त  देगा छूट

शिमला
हिमाचल प्रदेश में स्थापित जल विद्युत परियोजनाओं से बकाया ऋण वसूली के लिए राज्य सहकारी बैंक एकमुश्त छूट देगा। शनिवार को शिमला में सहकारी बैंक के निदेशक मंडल की बैठक में इसको लेकर सहमति बनी। एकमुश्त छूट की नीति का प्रस्ताव बनाकर रजिस्टार कोआपरेटिव सोसायटी (आरसीएस) की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। बैंक के अध्यक्ष खुशीराम बालनाटाह की अध्यक्षता में हुई बैठक में एनपीए हो चुके जल विद्युत परियोजनाओं के ऋण खातों को निपटाने और बैंक की वसूली करने के लिए एकमुश्त छूट नीति को बनाने का फैसला लिया गया। बैठक में बैंक की कुछ श्रेणियों को दिए जाने वाले संशोधित वेतनमान को लेकर भी चर्चा की गई।

बैंक की कार्यप्रणाली से नाराज चल रहे चार निर्वाचित सदस्यों ने लगातार दूसरे माह निदेशक मंडल की बैठक से किनारा कर बैंक की राजनीति को गर्मा दिया है। इन निदेशकों की ओर से रजिस्ट्रार कोआपरेटिव सोसायटी के माध्यम से निदेशक मंडल की बैठक की जानकारी नहीं होने का नोटिस भी बैंक प्रबंधन को भिजवाया गया है। बावजूद इसके शनिवार को बैंक के सांगटी स्थित प्रशिक्षण संस्थान में निदेशक मंडल की बैठक हुई। इससे पहले 29 जुलाई को करीब पांच माह बाद प्रस्तावित निदेशक मंडल की बैठक कोरम पूरा नहीं होने के चलते टल गई थी। उस दौरान निदेशक मंडल के चार सदस्य शेर सिंह चौहान, बलदेव भंडारी, प्रेम सोनी और राम गोपाल ठाकुर बैठक में शामिल नहीं हुए थे। छह अगस्त को दोबारा निदेशक मंडल की बैठक करने का 29 जुलाई को ही फैसला ले लिया गया था। शनिवार को दोबारा यह चार निर्वाचित निदेशक बैठक में शामिल नहीं हुए।

सूत्रों ने बताया कि निदेशक मंडल की पूर्व में हुई बैठकों में कंप्यूटर उपकरण खरीद के टेंडरों को लेकर निदेशकों ने आपत्ति जताई थी। तकनीकी पक्ष देखे बिना टेंडर नहीं करने की वकालत की थी। इसके अलावा संशोधित वेतनमान को लेकर भी कुछ नाराजगी थी। इन मामलों के तय समय पर हल नहीं होने के चलते शनिवार को चार निर्वाचित सदस्यों ने दोबारा बैठक में उपस्थिति दर्ज नहीं करवाई। बैठक में निर्वाचित सदस्यों में प्रियव्रत शर्मा और पीतांबर नेगी शामिल हुए। इनके अलावा हिमफेड, कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक, कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक के प्रतिनिधियों सहित कई अन्य मनोनीत सदस्य मौजूद रहे। बैंक के अध्यक्ष खुशीराम बालनाटाह ने कहा है कि 29 जुलाई की बैठक कोरम पूरा नहीं होने के कारण टल गई थी। नियमानुसार 15 दिन के भीतर बैठक करनी होती है। शनिवार को कोरम पूरा करते हुए बैठक आयोजित की गई।

Related posts