हिमाचल सरकार ने कर्मचारियों की ड्यूटी को लेकर लिया बड़ा फैसला

शिमला
हिमाचल सरकार
हिमाचल सरकार ने प्रदेश के लाखों नियमित तृतीय-चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों, दैनिक भोगियों, पार्टटाइम, अनुबंध और आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए बड़ा फैसला लिया है। कोरोना के प्रकोप को देखते हुए सरकार ने सभी नियंत्रण अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे जरूरत के अनुसार रोटेशन पर कर्मचारियों को दफ्तर बुलाएं। रोटेशन के दौरान छुट्टी पर रहने वाले कर्मियों का वेतन नहीं काटा जाएगा।

इस संबंध में कार्मिक विभाग ने एक आदेश जारी कर दिया है। आदेश में स्पष्ट है कि लोगों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखते हुए दफ्तर आने वाले कर्मचारियों की टाइमिंग में भी जरूरत के अनुसार बदलाव होगा। सरकार के इस आदेश के बाद दो लाख से ज्यादा सरकारी कर्मचारियों के अलावा करीब पांच लाख दैनिक भोगी, पार्टटाइम, अनुबंध और आउटसोर्स कर्मियों को लाभ मिलेगा। इसके अलावा यदि जरूरत पड़ती है तो कर्मचारियों को जरूरी काम के समय कभी भी बुलाया जा सकता है।

इन विभागों पर भी लागू रहेंगे आदेश

सोमवार को अतिरिक्त मुख्य सचिव कार्मिक आरडी धीमान की ओर से जारी आदेशों के तहत संबंधित कंट्रोलिंग अधिकारी आवश्यकता का निर्धारण करेंगे और कार्यालयों में काम करने वाले नियमित तृतीय व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी, अनुबंध कंसलटेंट, आउटसोर्स, दैनिक वेतन भोगी और पार्ट टाइम कर्मचारियों का रोस्टर तैयार करेंगे, ताकि सिर्फ जरूरी कार्य को निपटाने के लिए चुनिंदा स्टाफ ही कार्यालय में मौजूद रहे।

सरकार के ये आदेश आपातकालीन-अनिवार्य सेवाओं वाले विभागों के स्टाफ और उनके ड्यूटी के घंटों पर भी लागू रहेंगे। आदेशों के तहत शिफ्ट और काम करने के घंटों में बदलाव किया जाएगा। सरकार के ये आदेश तुरंत प्रभाव से लागू माने जाएंगे।

तीन दिन पूरी तरह बंद रहेंगे सभी सरकारी कार्यालय

वहीं, कोरोना के प्रकोप को कम करने के उद्देश्य से हिमाचल स्वास्थ्य विभाग के निर्देश पर जयराम सरकार ने मंगलवार से तीन दिन यानी 26 मार्च तक प्रदेश के सरकारी कार्यालय बंद रखने का एलान किया है। इस दौरान सिर्फ इमरजेंसी सेवा वाले कार्यालय और कर्मचारी अपनी सेवाएं देंगे। यह भी निर्देश हैं कि कर्मचारी अपना स्टेशन न छोड़ें।

घरों में ही रहेंगे 9 मार्च के बाद विदेश से आए लोग
आदेश के अनुसार नौ मार्च या उसके बाद विदेश से आए सभी लोगों को सख्ती के साथ घरों में ही रहने को कहा है। ऐसे लोगों को जिला सर्विलांस अफसर या 104 पर कॉल कर अपने आने की सूचना दर्ज करानी होगी। ऐसा न करने पर कानूनी कार्रवाई होगी।

सरकारी वाहनों की मूवमेंट पर नहीं रहेगी रोक

प्रदेश सरकार की ओर से घोषित लॉकडाउन के दौरान सरकारी वाहनों और सरकार की ओर से किराए पर लिए गए वाहनों के संचालन पर किसी तरह की रोक नहीं रहेगी। अतिरिक्त मुख्य सचिव स्वास्थ्य आरडी धीमान ने बताया कि इसके अलावा कर्मचारियों को घर से दफ्तर और दफ्तर से घर जाने के दौरान निजी वाहन के इस्तेमाल की भी छूट रहेगी। यह भी स्पष्ट किया है कि इमरजेंसी सेवाओं में स्टेट इमरजेंसी आपरेशन सेंटर और जिला इमरजेंसी आपरेशन सेंटर की सेवाएं भी शामिल की जाएंगी। ब्यूरो

गगल में 31 मार्च तक भी विमान सेवाएं बंद
कांगड़ा में लॉकडाउन के चलते गगल एयरपोर्ट पर सभी विमान सेवाएं 31 मार्च तक बंद कर दी गई हैं। इस स्थिति में केवल आपातकालीन सेवाएं ही रहेंगी। कोरोना वायरस के चलते एयरपोर्ट में कर्मचारियों की संख्या भी 35 से 10 कर दी गई है। एयरपोर्ट के निदेशक किशोर शर्मा ने बताया कि लॉकडाउन के कारण गगल आने वाली सभी विमान सेवाओं को बंद कर दिया गया है।

सरकारी वाहनों की मूवमेंट पर नहीं रहेगी रोक

प्रदेश सरकार की ओर से घोषित लॉकडाउन के दौरान सरकारी वाहनों और सरकार की ओर से किराए पर लिए गए वाहनों के संचालन पर किसी तरह की रोक नहीं रहेगी। अतिरिक्त मुख्य सचिव स्वास्थ्य आरडी धीमान ने बताया कि इसके अलावा कर्मचारियों को घर से दफ्तर और दफ्तर से घर जाने के दौरान निजी वाहन के इस्तेमाल की भी छूट रहेगी। यह भी स्पष्ट किया है कि इमरजेंसी सेवाओं में स्टेट इमरजेंसी आपरेशन सेंटर और जिला इमरजेंसी आपरेशन सेंटर की सेवाएं भी शामिल की जाएंगी। ब्यूरो

गगल में 31 मार्च तक भी विमान सेवाएं बंद
कांगड़ा में लॉकडाउन के चलते गगल एयरपोर्ट पर सभी विमान सेवाएं 31 मार्च तक बंद कर दी गई हैं। इस स्थिति में केवल आपातकालीन सेवाएं ही रहेंगी। कोरोना वायरस के चलते एयरपोर्ट में कर्मचारियों की संख्या भी 35 से 10 कर दी गई है। एयरपोर्ट के निदेशक किशोर शर्मा ने बताया कि लॉकडाउन के कारण गगल आने वाली सभी विमान सेवाओं को बंद कर दिया गया है।

अचानक लॉकडाउन से परेशान होते दिखे लोग

उधर, अचानक हुए लॉकडाउन से लोगों को सोमवार को खासी परेशानी हुई। दोपहर के समय लॉकडाउन की घोषणा के बाद ही जनता सक्रिय हो गई और सड़कों पर उतर आई। विधानसभा में जैसे ही पूरे प्रदेश में लॉकडाउन हुआ तो उसके बाद ही स्थानीय प्रशासन और पुलिस प्रशासन के अधिकारी हरकत में आ गए और लोगों से पूछताछ करते रहे कि वे कहां जा रहे हैं।

वे सड़कों को खाली करने को लेकर सक्रिय रहे। कई लोगों का मानना था कि इस बारे में सरकार को पहले ही सूचित कर देना चाहिए था। कम से कम एक दिन पहले इस तरह की सूचना का देना जरूरी था। अचानक इस तरह से लॉकडाउन से लोग परेशान हुए हैं।

सदन में विधायक भी बोले, हमें अपने हलकों में पहुंचने दें
सोमवार को सदन में विपक्ष के विधायकों ने भी मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि लॉकडाउन में इस तरह की व्यवस्था करें कि वे अपने-अपने हलकों में पहुंच पाएं।

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