शिमला
हिमाचल प्रदेश में टैक्सी, मैक्सी कैब, मालवाहक वाहनों की परमिट फीस और अन्य टैक्स एक जनवरी से परिवहन विभाग में ही जमा किए जा सकेंगे। टैक्स चोरी के मामले भी अब परिवहन विभाग ही देखेगा। प्रदेश सरकार ने आबकारी एवं कराधान विभाग से यह शक्तियां छीनकर परिवहन विभाग को दे दी हैं। टैक्स और फीस जमा करने की ऑनलाइन सुविधा भी दी जाएगी। सरकार ने जनता से आपत्तियां और सुझाव मांगे हैं। गुरुवार को अतिरिक्त मुख्य सचिव परिवहन जगदीश चंद्र शर्मा ने इस पर ड्राफ्ट नोटिस निकाला है। प्रदेश सरकार का मानना है कि दोनों विभागों के पास यह शक्तियां होने से वाहन मालिकों को कार्यालयों के चक्कर काटने पड़ते थे। अब इस व्यवस्था को खत्म कर दिया है। वाहन, ऑटो रिक्शा, टैक्सी, छोटी-बड़ी प्राइवेट और मिनी बसें, माल गाड़ियां, ट्रैक्टर, बाहरी राज्यों से हिमाचल आने वाली पर्यटक बसों आदि के दस्तावेजों की जांच भी परिवहन विभाग ही करेगा। पहले दोनों महकमे इस व्यवस्था को देखते थे।
ये हैं दरें (प्रतिवर्ष रुपये में)
ऑटो 2000
7 से 8 सीटों सीटों वाली मैक्सी कैब 2000
8 से 12 सीटर वाली मैक्सी कैब 8000
9 से 12 सीटों वाली मैक्सी कैब 12000
6 सीटर तक की टैक्सी कार या जीप 5000
कांट्रेक्ट बसें – 40 फीसदी किराया और 20 फीसदी अधिभार प्रति सीट/प्रति किलोमीटर
प्राइवेट व्हीकल (प्रतिवर्ष रुपये में)
छोटी बसें (मिनी) 10,000
बड़ी बसें (मिनी) 15000
माल गाड़ी (प्रतिवर्ष रुपये में)
120 क्विंटल से ऊपर 15000
30 से 120 क्विंटल 10000
20 से 30 क्विंटल 7000
10 से 20 क्विंटल 5000
10 क्विंटल से कम 3000
ट्रैक्टर 3000