हिमाचल पथ परिवहन के पहिए घाटे से मुनाफे की और बढे, 70 करोड़ की हुई कमाई

हिमाचल पथ परिवहन के पहिए घाटे से मुनाफे की और बढे, 70 करोड़ की हुई कमाई

हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) ने अगस्त माह की कमाई में रिकॉर्ड 37.5 फीसदी की बढ़ोतरी की है। बीते साल अगस्त माह में निगम ने 51 करोड़ कमाए थे। 2022 में कमाई 58 करोड़ थी, लेकिन इस साल कमाई बढ़कर 70 करोड़ पहुंच गई है। निगम के सभी डिपो को मुख्यालय की ओर से दिए जा रहे आय के मासिक टारगेट और प्रत्येक रूट की मॉनिटरिंग के सार्थक परिणाम सामने आए हैं। इसके अलावा रूटों के युक्तिकरण से भी निगम हो रहा नुकसान कम हुआ है।

बरसात के मौसम में भी निगम के अधिकांश रूट संचालित किए गए, जिससे अन्य वर्षों के मुकाबले आय में वृद्धि हुई है। ऐसे रूट जहां भूस्खलन से सड़कें बंद हो गई थीं, वहां ट्रांसशिपमेंट कर बसों का संचालन किया गया। जबकि पहले सड़क बंद होने के बाद रूट भी कई हफ्तों तक ठप रहते थे। बसों का संचालन जारी रहने से निगम की कमाई बढ़ी है। वित्त वर्ष 2024 के पहले पांच महीनों (अप्रैल-अगस्त) में निगम ने बीते साल के मुकाबले 48 करोड़ रुपये अधिक कमाए हैं।

निगम की आय में हुई बढ़ोतरी से एचआरटीसी स्पेयर पार्ट्स डीलरों और डीजल सप्लायरों को समय से भुगतान करने में सक्षम हुआ है, जिससे बसों के बार-बार खराब होने और डीजल की किल्लत की समस्या हल हुई है। एचआरटीसी की ओर से शुरू की गई नई टिकट प्रबंधन प्रणाली से यात्रियों की सुविधा बढ़ी है। यात्री अब यूपीआई, डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड से भी किराये का भुगतान कर पा रहे हैं। निगम की ओर से कार्यशालाओं में शुरू की गई इन्वेंट्री प्रबंधन प्रणाली से लागत प्रबंधन में मदद मिली है। कलपुर्जों और यंत्रों की गैर जरूरी खरीद बंद हो गई है।

निगम का राजस्व 80 करोड़ तक बढ़ाने का लक्ष्य : रोहन

अगस्त में निगम की कमाई में रिकॉर्ड 37.5 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। गैर जरूरी खर्चे कम कर और आय बढ़ाने के लिए किए जा रहे प्रयासों से निगम का राजस्व बढ़ा है। इस वित्तीय वर्ष में निगम का राजस्व पिछले वर्ष की तुलना में 80 करोड़ रुपये तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है।

9 माह से लगातार पहली तारीख को मिल रहा वेतन
निगम की कमाई की बढ़ोतरी का असर यह भी हुआ है कि 11 हजार कर्मचारियों को पिछले 9 माह से लगातार पहली तारीख को वेतन मिल रहा है। वेतन के लिए कर्मचारियों को परेशानी का सामना नहीं करना पड़ रहा है, जबकि इससे पहले कर्मचारियों को वेतन के लिए 10 से 15 दिनों का इंतजार करना पड़ता था।

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