हिमाचल का ये खूबसूरत शहर पर्यटकों के लिए स्वर्ग से कम नहीं

हिमाचल का ये खूबसूरत शहर पर्यटकों के लिए स्वर्ग से कम नहीं

शिमला
हिमाचल मनोरम नदी घाटियों, पर्वत झीलों और घने जंगलों के लिए जाना जाता है। प्रदेश की ट्रेकिंग, राफ्टिंग, स्कीइंग, पैराग्लाइडिंग या पर्वतारोहण जैसी साहसिक गतिविधियों के लिए भी अलग पहचान है। हिमाचल में कई ऐसे मनोरम स्थल हैं, जहां हर साल बड़ी संख्या में देश-विदेश से सैलानी पहुंचते हैं। पर्यटन नगरी मनाली भी उन्हीं स्थलों में से एक है। प्रदेश का मनाली ब्यास नदी घाटी में बसा एक खूबसूरत शहर है। जो अपनी ठंडी जलवायु और बर्फ से ढके पहाड़ों के लिए जाना जाता है।

मैदानी इलाकों की चिलचिलाती गर्मी से बचने के लिए पहाड़ों का रुख करने वाले पर्यटकों के लिए मनाली किसी स्वर्ग से कम नहीं। यदि आपने कभी बर्फ से लदी जलधारा के बहते पानी के पास बैठने या मनमोहक दृश्यों के साथ शानदार सूर्योदय देखने की कल्पना की है, तो मनाली आपके लिए सही जगह साबित हो सकती है। अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और सदियों पुरानी परंपराओं में बसा आधुनिक शहर मनाली अब भारत के सबसे लोकप्रिय स्थलों में से एक है। यह स्थान शांति और एकांत का एक उत्कृष्ट मिश्रण है जो इसे प्रकृति प्रेमियों और साहसिक गतिविधियों के शौकिनों के लिए स्वर्ग बनाता है।

विशेषकर उनके लिए जो मुख्य पर्यटन स्थलों से हटकर प्रकृति को करीब से अनुभव करना चाहते हैं। यहां नवंबर से मार्च तक सैलानी बर्फ से लकदक वादियों को निहार सकते हैं। रोहतांग दर्रे की ढलानों से नीचे आने के बाद ब्यास नदी का बर्फीला पानी रोइंग, वाटर राफ्टिंग और रिवर क्रॉसिंग की साहसिक खेल गतिविधियों की अनुमति देता है, क्योंकि यह मनाली से कुल्लू तक घाटी से होकर गुजरता है। सीढ़ीदार खेतों वाली इस खुली घाटी में अप्रैल से जुलाई तक गर्मियों में और अक्टूबर से दिसंबर तक शरद ऋतु से शुरुआती सर्दियों में पर्यटक इस टाउनशिप में आते हैं। इस शहर में हिंदी, पंजाबी, अंग्रेजी पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोगों द्वारा बोली और समझी जाती है।

मनाली में क्या खास
मनाली एक खुली घाटी है, जहां देवदार के घने जंगल हैं। मीठे पानी की धाराएं और चोटियां हमेशा बर्फ से ढकी रहती हैं, जो इसे आराम करने और रिचार्ज करने के लिए एक आदर्श स्थान बनाती हैं। यहां न केवल रहने के लिए कुछ अच्छे स्थान हैं, बल्कि कई आध्यात्मिक स्थान भी हैं। शीर्ष पर हिडिंबा देवी और मनु मंदिर हैं। मनाली में मालरोड वह जगह है जहां आप इत्मीनान से टहलने का आनंद ले सकते हैं और खरीदारी भी कर सकते हैं। सड़क पर छोटे-छोटे भोजनालय और कैफे पर आपको भारतीय, कॉन्टिनेंटल और स्थानीय व्यंजनों के मिश्रण का स्वाद चखने को मिल सकता है।

बाजार में यात्रा स्मृति चिन्ह, ऊनी, हिमाचली हथकरघा और हस्तशिल्प उत्पाद खरीदने के लिए अच्छे आउटलेट हैं। शहर से होकर जाता एक रास्ता आपको ओल्ड मनाली की संकरी गलियों में ले जाता है। हिमाचल पर्यटन की ओर से संचालित क्लब हाउस ब्यास नदी की एक सहायक नदी मनालसू के बाएं किनारे पर एक गतिविधियों से भरा परिसर है। पर्यटकों के लिए यहां रोलर स्केटिंग, बिलियर्ड्स, टेबल टेनिस, गो-कार्टिंग और रिवर क्रॉसिंग की गतिविधियों में शामिल हो सकते हैं।

विंटर कार्निवाल और डूंगरी मेला मुख्य आकर्षण
मनाली में जनवरी के पहले सप्ताह में विंटर कार्निवाल का भी आयोजन होता है। कार्निवाल में लोक नृत्य व गतिविधियों के जरिये लोक संस्कृति की झलक देखने को मिलती है। वहीं विंटर क्वीन भी चुनी जाती है। वहीं मनाली में डूंगरी देवी मेला भी महत्वपूर्ण आयोजन होता है। हिडिंबा देवी को समर्पित यह मेला वसंत में आयोजित किया जाता है। देवदार के पेड़ों के बीच मां हिडिंबा देवी मंदिर परिसर में यह मेला बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है।

ऐसे पहुंचे मनाली
मनाली सड़क व हवाई मार्ग दोनों के जरिये पहुंचा जा सकता है। मनाली से करीब 50 किलोमीटर दूर भुंतर तक हवाई मार्ग से पहुंचा जा सकता है। भुंतर से मनाली के लिए बसें व टैक्सी हमेशा उपलब्ध रहती है। इसके अलावा मनाली दिल्ली, चंडीगढ़, देहरादून, हरिद्वार, शिमला, धर्मशाला और चंबा से बेहतर सड़क संपर्क से जुड़ा है। एचआरटीसी, पर्यटन निगम की डिलक्स, सेमी डिलक्स, एसी, वोल्वो बस सेवा के जरिये मनाली पहुंचा जा सकता है। सैलानी अपनी गाड़ी से भी मनाली पहुंच सकते हैं।

सर्दियों के मौसम में पहाड़ी क्षेत्रों में ठंड बहुत ज्यादा रहती है। बर्फबारी की स्थिति में तापमान और भी गिर जाता है। ऐसे में पूरी तैयार के साथ ही घर से निकले। पहाड़ी क्षेत्रों में भारी बारिश-बर्फबारी की स्थिति में भूस्खलन की संभावना है। ऐसे में संबंधित स्थानीय विभागों की ओर से जारी एडवाइजरी का पालन करें। प्रशासन की सलाह व मौसम की अनुकूल स्थिति के अनुसार ही अपनी यात्रा प्लान करें। फोटो और सेल्फी लेने के लिए जान जोखिम में डालकर नदी-नालों में न जाएं।

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