हिमाचल और पंजाब में बिजली संकट की आशंका, विद्युत उत्पादन घटा

हिमाचल और पंजाब में बिजली संकट की आशंका, विद्युत उत्पादन घटा

जोगिंद्रनगर(मंडी)
पहाड़ों पर बर्फबारी और ग्लेशियरों के जम जाने से मंडी जिले के बरोट स्थित प्रोजेक्टों की पुरानी और नई रेजरवायर में अचानक पानी की गिरावट से दोनों परियोजना में विद्युत उत्पादन लुढ़क गया है।

शानन और बस्सी पनबिजली परियोजनाओं में विद्युत उत्पादन घटने से हिमाचल प्रदेश और पंजाब में बिजली संकट की आशंका बन गई है। इस माह 110 मेगावाट की शानन परियोजना में 20 मेगावाट विद्युत उत्पादन ही हो सका। इसी तरह 66 मेगावाट की बस्सी परियोजना से सिर्फ आठ मेगावाट बिजली तैयार हुई।

पहाड़ों पर बर्फबारी और ग्लेशियरों के जम जाने से मंडी जिले के बरोट स्थित प्रोजेक्टों की पुरानी और नई रेजरवायर में अचानक पानी की गिरावट से दोनों परियोजना में विद्युत उत्पादन लुढ़क गया है। इससे दोनों ही परियोजनाओं को लाखों रुपये का नुकसान पहुंचा है। अगर ऐसा ही रहा तो हिमाचल प्रदेश और पंजाब में बिजली संकट गहरा जाएगा।

बस्सी परियोजना में 16.5 मेगावाट की चार मशीनें पानी की किल्लत के चलते प्रभावित हुई हैं। केवल दो क्यूसिक मीटर पानी मिलने से आठ मेगावाट ही विद्युत उत्पादन हो रहा है। सालाना 250 करोड़ रुपये की आमदनी जुटाने वाली पंजाब राज्य विद्युत बोर्ड की शानन परियोजना में विद्युत उत्पादन में करीब 80 प्रतिशत की गिरावट आई है।

यहां पर 15 मेगावाट की चार और 50 मेगावाट की एक मशीन से 110 मेगावाट विद्युत उत्पादन होता था, लेकिन इन दिनों बड़ी मुश्किल से 20 मेगावाट ही विद्युत उत्पादन हो रहा है। शानन परियोजना के एसई अजीत कुमार ने बताया कि बरोट स्थित परियोजना की रेजरवायर में पानी न पहुंचने से विद्युत उत्पादन में गिरावट आई है। वहीं, बस्सी परियोजना के आरई अरुण धीमान ने बताया कि ग्लेशियर जमने से रेजर वायर में पानी कम हुआ है, जिस कारण विद्युत उत्पादन घट रहा है।

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