हाईकोर्ट सख्त, प्रधान सचिव वन सहित 11 से जवाब तलब

हाईकोर्ट सख्त, प्रधान सचिव वन सहित 11 से जवाब तलब

सरकारी भूमि पर अवैध कब्जे के मामले में हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश सबीना और न्यायाधीश सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने प्रधान सचिव वन सहित 11 को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। अदालत ने मामले की सुनवाई तीन हफ्ते बाद निर्धारित की है। ठियोग निवासी रमेश ठाकुर ने जनहित में याचिका दायर की है।

याचिका में प्रधान सचिव वन सहित मुख्य अरण्यपाल, खंड वन अधिकारी, वनरक्षक शमराला, उपायुक्त एवं एसपी शिमला, एसएचओ ठियोग, रोशन लाल, धनी राम और चेत राम को प्रतिवादी बनाया है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि रोशन लाल, धनी राम और चेत राम ने गांव शरमालटू में सरकारी भूमि पर कब्जा किया हुआ है।

धनी राम और चेत राम ने सरकारी भूमि से 30 हरे पेड़ों का कटान भी किया है। अवैध रूप से काटी गई लकड़ी का इस्तेमाल जमीन को बाड़ लगाने में किया गया है। अदालत को बताया गया कि चेत राम के खिलाफ बेदखली आदेश भी पारित किए गए हैं। लेकिन वन अधिकारियों की मिलीभगत से अभी भी अवैध कब्जा नहीं छोड़ा गया है।

आरोप लगाया गया है कि इनके पास बंदूक का लाइसेंस भी है, जिसके जरिये वह स्थानीय लोगों को डराते हैं। याचिकाकर्ता ने इस बारे में स्थानीय वन और पुलिस अधिकारियों के समक्ष इसकी शिकायत की। लेकिन इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। याचिकाकर्ता ने अदालत से गुहार लगाई है कि सरकारी भूमि से अवैध कब्जे छुड़ाने के बारे में उचित आदेश पारित किए जाएं।

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