हवा में ‘गोली’ खिला गया स्वास्थ विभाग!

धर्मशाला। नौनिहालों को अनीमिया मुक्त करवाने के अभियान पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। बुधवार को जिला स्वास्थ्य विभाग ने स्कूलों में शुरू की जाने वाली वीकली आयरन फोलिक एसिड स्कीम की लांचिंग तो कर दी, मगर दवाइयां न तो शिक्षा विभाग के पास हैं और न ही स्वास्थ्य महकमे के पास इसका स्टॉक मौजूद है। शिमला, सोलन और मंडी के बाद कांगड़ा में बुधवार को शुरू हुआ यह अभियान कठघरे में आ गया है।
पुख्ता सूत्र बताते हैं कि जल्दबाजी में स्वास्थ्य विभाग ने इस कार्यक्रम के शुभारंभ के लिए मंडी और सोलन जिला से कुछ सैकड़ों की संख्या में दवाइयां उधार लीं और इसे लांच कर दिया। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत शहरी विकास एवं नगर नियोजन मंत्री भी इस कार्यक्रम में नहीं पहुंचे। हैरत की बात तो यह है कि बिना दवाइयों के शुरू हुए इस अभियान के लिए आदेशानुसार सभी खंड चिकित्सा अधिकारी भी अपने अमले सहित कार्यक्रम में पहुंच गए। जिले में छठी से जमा दो तक के लगभग सवा लाख बच्चों को हर सप्ताह आयरन की यह गोली खिलाई जानी है।
इस तरह एक साल में लगभग एक करोड़ गोलियों की आवश्यकता इस अभियान में रहेगी। सूत्रों के मुताबिक स्वाथ्य विभाग ने दिसंबर माह में राजस्थान की एक कंपनी को इस बाबत आर्डर दिया था, जो 45 दिन बीतने के बाद रद हो गया। कांगड़ा के लिए इन दवाइयों की खेप नहीं पहुंच सकी है। उधर, इस संदर्भ में जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. डीएस गुरुंग का कहना है कि उक्त अभियान 20 अप्रैल से तियारा ब्लॉक से शुरू किया जाना है। उन्होंने माना कि दवाइयों की आपूर्ति नहीं हुई है।


मंत्री की राह ताकते रहे बच्चे
धर्मशाला। दाड़ी में बुधवार को लांच हुए डब्ल्यूआईएफस अभियान में शहरी विकास मंत्री सुधीर शर्मा ने बतौर मुख्यातिथि पहुंचना था। सैकड़ों स्कूली बच्चों को साढे़ दस बजे बुला लिया गया, लेकिन मंत्री का कार्यक्रम अचानक रद होने के चलते विभाग दोपहर डेढ़ बजे तक वैकल्पिक मुख्य अतिथि के जुगाड़ में रहा। बाद में उपायुक्त सी. पालरासु ने इसका शुभारंभ किया। बच्चे समारोह के बाद भी लगभग तीन बजे तक भूखे प्यासे रहे।

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