- हाईप्रोफाइल लोगों की सैकड़ों आपत्तिजनक वीडियो क्लिप बरामद हुई थीं गिरोह से
- आपत्तिजनक वीडियो बनाकर 3 करोड़ रुपये की रंगदारी मांगी जा रही थी
पुलिस ने 18 और 19 सितंबर को इंदौर व भोपाल में छापेमारी करते हुए 5 महिलाओं और एक पुरुष को पकड़कर इस हनी ट्रैप गिरोह का पर्दाफाश किया था। पुलिस ने यह छापेमारी इंदौर नगर निगम के इंजीनियर की तरफ से की गई शिकायत के आधार पर की थी, जिनके आपत्तिजनक वीडियो बनाकर 3 करोड़ रुपये की रंगदारी मांगी जा रही थी।
इन सभी के कब्जे से हाईप्रोफाइल लोगों की सैकड़ों आपत्तिजनक वीडियो क्लिप बरामद की गई थीं। इंदौर की एसएसपी रुचि वर्द्धन मिश्रा ने आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद मीडिया को इनके पास से स्पाई कैमरे भी बरामद होने की जानकारी दी थी, लेकिन इन कैमरों का ब्योरा अभी तक नहीं दिया गया था।
लेकिन मामले की जांच से जुड़े सूत्रों ने रविवार को इन स्पाई कैमरों का ब्योरा दिया। हालांकि इसकी पुष्टि करने के लिए मिश्रा या उनके साथ जांच में सहयोग कर रहे क्राइम ब्रांच के अपर पुलिस अधीक्षक अमरेंद्र सिंह से संपर्क के प्रयास रविवार को सफल नहीं हो सके।
कांग्रेस विधायक ने कहा, हजारों सालों से हो रहा सत्ता के लिए महिलाओं का उपयोग
बता दें कि सितंबर में हुए इस रैकेट के पर्दाफाश के बाद सैकड़ों की संख्या में हाईप्रोफाइल राजनीतिक हस्तियों की आपत्तिजनक वीडियो क्लिप बरामद हुई थीं। इनमें से कई राज्य सरकार में मंत्री और विधायक बताए जा रहे हैं।
राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि इन वीडियो क्लिप के जरिए कांग्रेस सरकार को अस्थिर करते हुए कमलनाथ को मुख्यमंत्री पद से हटाने की साजिश की जा रही थी। इस चर्चा के बीच लक्ष्मण सिंह ने रविवार को कहा, ऐसे कांड हजारों सालों से हो रहे हैं। महिला सत्ता की लड़ाई में उपयोग की जाती रही हैं। हालांकि उन्होंने आगे यह भी कहा कि किसी को महिला व ब्लैकमेल के उपयोग से हनी ट्रैप करना बेहद गलत है।
इस मामले में भाजपा की तरफ से की जा रही सीबीआई जांच की मांग पर लक्ष्मण सिंह ने कहा, उन्हें राज्य पुलिस की एसआईटी के जांच पूरी करने तक इंतजार करना चाहिए। उन्होंने कहा, यदि भाजपा एसआईटी की जांच से संतुष्ट नहीं होती है, तो सीबीआई जांच भी कराई जा सकती है।