सोलन जिले में 1,100 लोगों के राशन कार्ड फर्जी निकले हैं। केंद्र सरकार के आईएमपीडी पोर्टल पर जांच के दौरान यह खुलासा हुआ है। विभाग ने इन लोगों पर कार्रवाई करते हुए एक जगह से राशन कार्ड को ब्लॉक कर दिया है। वहीं, कई धारक ऐसे भी निकलें हैं जिनका विवाह या क्षेत्र को छोड़ने के बाद राशन कार्ड में नाम काटने का प्रमाण पत्र तो पंचायतों की ओर से दे दिया है लेकिन वास्तविक स्थिति में उनका नाम राशन कार्ड से नहीं काटा है।
जिस कारण इनके दो-दो जगह नाम राशन कार्ड में चले हुए हैं और दोनों जगहों पर ही लोग राशन ले रहे हैं लेकिन अब विभाग ने ऐसे लोगों से बात कर सख्ती कर दी है। जिले में सबसे अधिक फर्जी राशन कार्ड नालागढ़ से निकले हैं। गौर रहे कि केंद्र सरकार ने वन नेशन वन राशन कार्ड योजना शुरू की है। ऐसे में केंद्र सरकार की ओर से ऐसे राशन कार्डों का आधार कार्ड से पता लगाया जा रहा है जिनके दो राशन कार्ड बने हुए हैं। इसके लिए आईएमपीडी पोर्टल बनाया गया है।
जिसके माध्यम से विभाग को प्रत्येक जानकारी मिल रही है।हाल ही में जिला में भी पार्टल के जरिए फर्जी राशन कार्डों का पता लगाया है। इन राशन कार्ड का पता लगाकर विभाग ने संबंधित लोगों से बात की और राशन कार्ड धारकों की सही जानकारी ली। इस दौरान कई राशन कार्ड धारकों के नाम जिला से ब्लॉक कर दिए गए। यह वह लोग है जो यहां नहीं रहते हैं। वहीं, कुछेक राशन कार्ड धारकों के नाम को मंजूरी भी दी और दूसरी जगह से राशन कार्ड को बंद करवा दिया है। ऐसे में यह कार्ड धारक एक ही जगह से सरकारी सुविधाओं का लाभ ले सकेंगे।
प्रवासियों के ज्यादा फर्जी कार्ड
सोलन के नालागढ़ में प्रवासी कामगार होने के चलते अधिक फर्जी राशन कार्ड बने हैं। वहीं, पंचायत स्तर पर भी लोगों को लाभ देने के लिए राशन कार्ड दो-दो जगह बना दिए हैं लेकिन पोर्टल के बनने के बाद ऐसे राशन कार्डों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। जिस पर जिला खाद्य आपूर्ति विभाग की ओर से कार्रवाई करनी शुरू कर दी है।
कहां, कितने फर्जी राशन कार्ड थे
खंड कार्ड
धर्मपुर 171
कंडाघाट 15
कुनिहार 65
नालागढ़ 772
सोलन 77
दो जगहों पर चल रहे थे कार्ड
जिला में 1,100 राशन कार्ड ऐसे थे जो दो जगहों पर चले हुए थे। जिन्हें वेरिफाई कर लिया गया हैं और राशन कार्ड धारकों की जानकारी ली गई है। जिसके बाद जो लोग जिला में नहीं रह रहे हैं उनके राशन कार्ड बातचीत के बाद ब्लॉक कर दिए गए हैं और जबकि जो लोग यहीं रह रहे हैं उनकी जानकारी के बाद यहीं नाम दर्ज किया गया है और दूसरी जगह रिपोर्ट भेज दी गई है। – नरेंद्र धीमान, खाद्य आपूर्ति नियंत्रक, सोलन