
शिमला। बिजली कंपनी ने उपभोक्ताओं के साथ धोखाधड़ी की है। निर्धारित समय पर शहर में बिजली बिल कंपनी ने नहीं बांटे। ‘अमर उजाला’ में खबर प्रकाशित होने के बाद आनन फानन में कंपनी ने देरी से बिजली बंटने वाले क्षेत्रों के उपभोक्ताओं को 30 मार्च तक बिल जमा करवाने की सुविधा दी। लेकिन जब 30 मार्च को उपभोक्ता बिल जमा करवाने पहुंचे तो उनसे सरचार्ज वसूला गया। उधर, बिजली कंपनी के अधिकारी सरचार्ज वसूले जाने पर कुछ भी कहने से परहेज कर रहे हैं।
राज्य विद्युत बोर्ड के उप निदेशक संचार अनुराग पराशर ने 22 मार्च को प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया था कि 21 मार्च तक शहर में नब्बे प्रतिशत बिल बांट दिए गए हैं। शेष दस प्रतिशत बिल 22 मार्च को बांटे गए। 21 मार्च तक वितरित किए गए विद्युत बिलों को जमा करवाने की अंतिम तिथि 28 मार्च है और 22 मार्च को वितरित किए गए बिलों को जमा करवाने की तिथि 30 मार्च निर्धारित की गई है। बिजली कंपनी की इस प्रेस विज्ञप्ति के बाद देरी से बिल मिलने वाले लोगों ने राहत की सांस ली। लेकिन शनिवार को देवनगर, कसुम्पटी, चायली, मैहली और झडेज के बिजली उपभोक्ता बिल जमा करवाने पहुंचे तो उनसे जुर्माना वसूल कर लिया। तर्क दिया गया कि कंप्यूटर में उनके बिल की आखिरी तारीख 29 मार्च है। 30 मार्च किसी भी बिल में अंतिम तिथि नहीं बताई गई है। बिजली कंपनी की इस लापरवाही और आधी-अधूरी तैयारी का खामियाजा शहर के सैकड़ों लोगों को सरचार्ज देकर चुकाना पड़ा।
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आज जमा करवा सकते हैं बिजली बिल
बिजली कंपनी के अधीक्षण अभियंता राजेंद्र भास्कर ने कहा कि रविवार को छुट्टी के बावजूद बिजली बिल काउंटर खुले रहेंगे। सुबह दस से एक बजे तक बिजली बिल जमा होंगे। उपभोक्ताओं से सरचार्ज वसूले जाने पर राजेंद्र भास्कर ने कुछ भी बताने से गुरेज किया। उन्होंने कहा कि इस बारे में उन्हें जानकारी नहीं है।
लोगों के झगड़ने के बाद खुला काउंटर
बिजली कंपनी ने पहले बिल जमा करवाने की अंतिम तारीख 30 मार्च तक बढ़ाई। लेकिन जब लोग बिल जमा करवाने पहुंचे तो शनिवार सुबह 11 बजे काउंटर बंद कर दिया। कई लोग बिना पूछताछ वापस भी चले गए लेकिन कुछ जागरूक लोगों ने बिजली कंपनी के अफसरों को खरी-खोटी सुनाई। इसके बाद करीब बारह बजे काउंटर को दोबारा खोल दिया गया।
क्योसक मशीन का हाल बेहाल
बिजली बिल के काउंटर बंद होने पर जब उपभोक्ता क्योसक मशीन में बिल जमा करवाने पहुंचे तो उन्हें वहां भी निराशा ही हाथ लगी। लाखों रुपये खर्च कर खलीनी आफिस में लगाई गई मशीन मात्र शोपीस बनकर रह गई है। एक दिन में दस बिल से अधिक यहां पर जमा नहीं होते।
राहत दी, फिर सरचार्ज वसूला
मैहली के अनुज कुमार ने बताया कि उन्हें 23 मार्च को बिजली बिल मिला। ‘अमर उजाला’ में बिजली कंपनी के हवाले से लगी ‘तीस मार्च तक जमा होेंगे बिल ’खबर के चलते उन्हें कुछ राहत मिली लेकिन जब शनिवार को वे बिल जमा करवाने पहुंचे तो उनसे सरचार्ज वसूल लिया।
बंद कर दिया काउंटर
पंथाघाटी के विजय चौहान ने बताया कि पहले तो बिजली कंपनी ने बिल देरी से बांटे। फिर अपनी गलती मानने के बजाय उपभोक्ताओं पर ही बोझ लाद दिया। उन्होंने कहा कि 11 बजे काउंटर बंद कर देने के चलते उन्हें परेशानी उठानी पड़ी।
धोखा दे रही मशीन
कंगनाधार के शशि ने कहा कि 11 बजे तक ही काउंटर खुले रहेंगे, इसकी जानकारी बिजली कंपनी को पूर्व में देनी चाहिए थी। क्योसक मशीन भी उपभोक्ताओं को धोखा देने के लिए लगाई हुई है। जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई की जानी चाहिए।
निराश लौटना पड़ा
न्यू शिमला सेक्टर तीन के रमेश कुमार ने कहा कि शनिवार को 11 बजे के बाद बिल जमा करवाने पहुंचे। तीस मार्च तक बिल जमा होने की सूचना थी, इसके चलते वे बिल शनिवार को जमा करवाने पहुंचे। लेकिन काउंटर बंद होने के चलते उन्हें निराश लौटना पड़ा।
देरी से मिले हैं बिल
हरीनगर (ओल्ड बैरियर) के मिलन कुमार ने कहा कि दस किलोमीटर दूर से वे बिल जमा करवाने पहुंचे। पहले काउंटर बंद मिला फिर देरी से काउंटर खुला तो उनसे सरचार्ज वसूला गया। उनके क्षेत्र में 22 मार्च के बाद बिल बांटे गए।
बहुत दिक्कत हुई
खलीनी के राजेंद्र कुमार ने कहा कि काउंटर बंद होने और क्योसक मशीन के हांफ जाने के चलते बिजली बिल जमा करवाने के लिए काफी मशक्कतों का सामना करना पड़ा।