सेब के लिए तैयार नहीं कुल्लू में सड़कें

भल्याणी (कुल्लू)। जिला की खस्ताहाल सड़कें अभी तक दुरुस्त नहीं हो पाई है। सेब की फसल को मंडियों तक पहुंचाने का जरिया यही सड़कें हैं। सेब सीजन को करीब एक माह शेष है और सड़कों की हालत अभी तक दुरुस्त नहीं हो पाई है। बागवानों के मुताबिक खस्ताहाल सड़कों के चलते हर साल उन्हें नुकसान उठाना पड़ता है। वाहनों में हिचकोले लगने से सेब दागी हो जाता है और मंडियों में इसके दाम सही नहीं मिल पाते। मंडियों तक पहुंचने से पहले ही करीब पांच प्रतिशत फसल दागदार हो जाती है। कुल्लू जिला में करोड़ों रुपये का सेब हर साल होता है।
बागवान किरपा राम पुजारी, मणिकर्ण घाटी के चौंग गांव के जगमोहन सिंह ठाकुर, बड़ाग्रां के बालमुकुंद राणा और खराहल के हीरा लाल ने बताया कि हर साल सेब दागी होने से उन्हें भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है। उनका उत्पाद मंडियों तक पहुंचने से पहले ही गुणवत्ता की कसौटी पर खरा नहीं उतर पाता।
दिल्ली के आजादपुर तनेजा फ्रूट एजेंसी के आढ़ती गोहर दास ने बताया कि मंडियों में पहुंचने से पहले ही कुल्लू का सेब दागी होकर खराब हो जाता है। ऐसे में उन्हें मोलभाव करने में दिक्कत होती है। बंदरोल सब्जी मंडी आढ़ती एसोसिएशन के चेयरमैन हुक्कम चंद ठाकुर ने कहा कि करीब पांच फीसदी से ज्यादा सेब वाहनों में दागी होकर मंडी पहुंचता है।

बागवानों को नहीं होगी समस्या : गुप्ता
लोनिवि के अधिशासी अभियंता जीसी गुप्ता ने बताया कि इस सीजन में बागवानों को इस समस्या से जूझना नहीं पडे़गा। विभाग ने सेब सीजन के दौरान सड़कों को दुरुस्त करने के लिए कमर कस दी है।

दो दर्जन से ज्यादा सड़कें कच्ची पक्की
डिवीजन दो की हालत
जिला की करीब दो दर्जन से अधिक सड़कें कई सालों कच्ची पड़ी हैं। इसमें लोक निर्माण विभाग के डिवीजन दो के तहत बैंची मझली धार, मनसारी-सोयल, भड़ई- बागन-पीज, बराग टोली-बसतोरी, नथान, काईस-कोटाधार, फोजल-फलैन, बारी-पेछा, रामशीला-न्यूली-लारीकोट सड़क शामिल है।
डिवीजन एक की हालत
डिवीजन एक के तहत दोहरीनाला-खड़ीहार, खोड़ाआगे-भलाण दो, दमोठी-बरठींधार, शलवाड़-कड़ौण, शीलहार, भूईकापुल- कोटला, कक्कड़नाला-ठोगी, हवाईघराट- मझली, छरोड़नाला-कशवारी, गुशैणी-पेखली, टिपुधार-कनौण, बंजार-खावल, भुलंग सड़क, थाटीबिड-सियाली तथा बनाणा-नीणू सड़क भी कच्ची पड़ी है। इसके जिला की एक दर्जन सड़कों की कई सालों से रिपेयर नहीं हुई है।

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