
कालका-शिमला नेशनल हाईवे पांच पर बरसात में फिर खतरा मंडराना शुरू हो गया है। परवाणू से कैथलीघाट तक फोरलेन में पहाड़ियों पर बड़े-बड़े पत्थर अटके हैं। बारिश से ये पत्थर कभी भी सड़क पर आ सकते हैं। इसके अलावा मलबा गिरने का खतरा भी हर समय रहता है। मलबा और पत्थरों के सड़क पर आने से हाईवे फिर बाधित होने की आशंका है। आने वाले दिनों में बारिश में हाईवे पर चलना खतरे से खाली नहीं है।
परवाणू से कैथलीघाट तक फोरलेन को लेकर पहाड़ियों की कटिंग की गई है। चक्कीमोड़ में भी पहाड़ी खिसक सकती है। यहां पर केवल पांच मीटर का डंगा लगाया गया है। यह डंगा बड़ी पहाड़ी के लिए नाकाफी है। इसके अलावा जाबली, सनवारा, पट्टामोड़, सोलन-बड़ोग बाइपास, दोहरी दीवार, चंबाघाट, सलोगड़ा, कंडाघाट समेत दर्जन भर ऐसे क्षेत्र है जहां पर पहाड़ियों पर बड़े-बड़े पत्थर अटके हैं। गौरतलब है कि हाईवे पर पिछली बरसात के दौरान भी काफी नुकसान हुआ था। चक्कीमोड़ में पूरी सड़क ढह गई थी। इसके अलावा सनवारा और तंबूमोड़ में एक तरफ सड़क ढह गई थी। इसके अलावा कई जगहों पर पहाड़ी से भूस्खलन के मामले भी सामने आए थे। दोहरी दीवार पर भूस्खलन के बाद डंगा भी टूटा था।
बारिश में फिर गिरा था मलबा और पत्थर
बीते दिनों हुई बारिश के दौरान भी सड़क पर मलबा और पत्थर गिरे थे। हालांकि अभी बरसात की शुरुआत है। लेकिन पहाड़ियां दरकनी शुरू हो गई हैं। दोहरी दीवार में सुबाथू की ओर जाने वाले रास्ते में भूस्खलन हुआ था। यहां पर पहाड़ी से बड़ा पत्थर सड़क पर आ गया था। इसके अलावा पट्टामोड़ में भी भूस्खलन हाल ही में हुआ है।
एनएच पर कई जगह एक लेन से ही आवाजाही