सात हेलीकॉप्टर कंपनियों के खिलाफ होगी कार्रवाई

गोपेश्वर। केदारनाथ धाम के लिए हवाई सेवा संचालित कर रही नौ हेलीकॉप्टर कंपनियों में से दो कंपनियों ने केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग को सेंचुरी एरिया में हवाई सेवा संचालित करने का स्पष्टीकरण भेजा है, जबकि सात कंपनियों ने विभाग के आदेश को अनदेखा किया है। इस पर उपवन संरक्षक आकाश कुमार वर्मा ने इसे वन अधिनियम का उल्लंघन मानते हुए चीफ वायल्ड लाइफ को हवाई कंपनियों पर कार्रवाई हेतु पत्र भेजा है।
केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग ने केदारनाथ धाम के लिए हवाई सेवा दे रही नौ हेलीकॉप्टर कंपनियों को सेंचुरी एरिया में तत्काल हवाई सेवा बंद कर एक सप्ताह के भीतर स्पष्टीकरण देने को कहा था, लेकिन नियत तिथि 3 जून तक प्रभातम एवीएशन और आर्यन हेलीकॉप्टर कंपनियों ने ही विभाग को स्पष्टीकरण भेजा है।
उपवन संरक्षक वर्मा ने बताया कि हेलीकॉप्टर कंपनियों को उड्यन विभाग से तो उड़ान भरने की अनुमति मिल गई थी, लेकिन विभाग भी संस्तुति लेने के लिए कहा गया था। जिसे किसी भी हेली कंपनियों ने पूरा नहीं किया है।

आखिर कैसे दे रहा था संस्तुति
गोपेश्वर। केदारनाथ धाम के लिए वर्ष 2004 से हवाई सेवा संचालित हो रही है। अभी तक हेली कंपनियां वन विभाग के रुद्रप्रयाग डिवीजन से सेंचुरी एरिया में उड़ान की अनुमति मांगते आ रहे थे, लेकिन इसका सेंचुरी एरिया से कोई लेना-देना नहीं है। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि रुद्रप्रयाग डिवीजन पिछले 10 सालों से हेली कंपनियों को कैसे सेंचुरी एरिया में उड़ान की संस्तुति दे रहा था।

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