सस्ते राशन को चक्कर पर चक्कर

धर्मशाला। कांगड़ा जिला में सार्वजनिक वितरण प्रणाली हांफ गई है। लोगों को करीब डेढ़ माह बीत जाने के बाद भी मार्च महीने के राशन का कोटा नहीं मिला। लोग बार-बार डिपुओं के चक्कर लगाकर डिपो होल्डर से सस्ते राशन के बारे में पूछ रहे हैं। लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है। वहीं सरकारी महकमा राशन की सप्लाई में देरी के पीछे बार-बार ग्लोबल टेंडरिंग का तर्क दे रहा है। हालांकि, जिले के कुछेक डिपुओं में अप्रैल की सप्लाई मिलनी शुरू हो गई है।
उचित मूल्य की दुकानों पर सस्ता राशन न मिलने से गरीब लोगों को मजबूरन खुले बाजार से महंगे दामों पर राशन खरीदने को मजबूर होना पड़ रहा है। गौरतलब है कि कांगड़ा जिला में करीब साढ़े चार लाख से अधिक राशन कार्ड धारक हैं। वहीं जिला में कुल 1013 सरकारी उचित मूल्य की दुकानें तथा 20 थोक गोदाम हैं। यहां से जिलाभर के उपभोक्ताओं को राशन की आपूर्ति होती है। सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत राशनकार्ड धारकों को मूंग, मलका मसर, उड़द तथा सरसों का तेल सब्सिडी पर वितरण किया जाना है। लेकिन राशन की सप्लाई नहीं पहुंचने से जिला के उपभोक्ताओं को मार्च महीने का सस्ता राशन उपलब्ध नहीं हो पाया है।
धर्मशाला के समीवर्ती गांव के उपभोक्ताओं विक्रम सिंह, सुरेश कुमार, सरला देवी, धर्मचंद, मोहिंद्र कुमार, विनोद, बलदेव सिंह, सुरजीत तथा कर्म चंद ने कहा कि उन्हें डिपुओं में मार्च महीने का राशन नहीं मिला है। इस कारण कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। उधर, हिप्र सिविल सप्लाई कारपोरेशन के डिवीजनल मैनेजर आरके चड्ढा ने कहा कि इस बार सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत उपलब्ध करवाई जाने वाली खाद्य वस्तुओं के ग्लोबल टेंडर होने के कारण आपूर्ति में देरी हुई है। उन्होंने कहा कि अप्रैल माह का कोटा डिपुओं में पहुंचा दिया गया है। डिपोे होल्डर को वितरण के आदेश दे दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि मार्च महीने के राशन का कोटा भी जल्द ही पहुंचने वाला है। सप्लाई पहुंचते ही वितरण किया जाएगा।

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