सुक्खू सरकार की इंदिरा गाँधी प्यारी बहना सम्मान निधि योजना, उन महिलाओ के लिए अपमान निधि योजना साबित होगी जो री वेरिफिकेशन में अपात्र हो जाएंगी । आश्चर्यजनक बात यह है कि जब पहले ही नियम व शर्ते तय थी तो अपात्र को कैसे सरकारी खजाने से धन दिया गया। क्या वो दस्ताबेज किसी अधिकारी दवारा सत्यापित नहीं किए गए थे ? अब जो महिलाएँ अपात्र पाई जाएंगी उनको अभी तक मिली 4500 रूपये की धनराशि एक साथ ही सरकार को वापस लौटानी होगी ।
प्रदेश सरकार की ओर से अब इस योजना के तहत लाभ ले चुकीं लाभार्थियों सहित अब तक आवेदन कर चुकीं आवेदकों के आवेदन पंचायतों में भेजे जाएंगे। ग्राम सभा में इनकी जांच होगी। इसके बाद यह सूची दोबारा विभाग के पास भेजी जाएगी। इसके आधार पर ही योजना के तहत किस्तें जारी की जाएंगी।
जानकारी के अनुसार जिले की 1245 महिलाओं के खाते में सरकार ने एक साथ तीन महीने की 4500 रुपये की किस्त डाली है। आंकड़ों पर नजर दौड़ाएं तो जिला कल्याण विभाग के कार्यालय में 55 हजार से अधिक आवेदन पहुंच चुके हैं। आवेदनों की छंटनी विभाग ने अपने स्तर पर तो कर ली है, मगर अब यह आवेदक योजना के लिए पात्र हैं या नहीं, इसका फैसला ग्राम सभा करेगी। अब ग्राम सभा का इंतजार है। यहां नए पात्रों को सरकार की इस योजना में शामिल होने लाभ मिलेगा, दूसरी तरफ योजना का लाभ ले चुके अपात्रों को राशि वापस करनी होगी।
जिला कल्याण अधिकारी चमन शर्मा ने बताया कि सरकार के निर्देशानुसार अब पंचायतों से स्वीकृति मिलने वाले आवेदनों को ही सम्मान निधि मिली। जिले में अब तक 1245 महिलाओं को लाभान्वित किया गया है। इनमें आवेदन भी ग्राम सभा में भेजे जाएंगे। अगर कोई लाभार्थी अपात्र निकलता है तो उस लाभार्थी को सम्मान निधि वापस करनी होगी। जिले से अब तक 55 हजार आवेदन मिले हैं।
नियम और शर्तें