शिमला
इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (आईजीएमसी) में हृदय रोगियों को मेगन्यूरोन और क्लेमेक्स डी-5 जैसी दवाएं मुफ्त में नहीं मिल रहीं। सरकार ने यह दवाएं मुफ्त में देने की घोषणा कर रखी है, बावजूद इसके मरीजों को आजकल यह दवाएं बाहर से महंगी दरों पर खरीदनी पड़ रही हैं। आईजीएमसी में रोजाना 3,000 से अधिक मरीज ओपीडी में चेकअप करवाने आते हैं।
चिकित्सक मरीजों को ओपीडी में चेकअप के बाद दवाएं लिखते हैं लेकिन यह दवाइयां मरीजों को न्यू ओपीडी ब्लॉक स्थित 50 नंबर के निशुल्क औषधि केंद्र पर नहीं मिल रहीं। निशुल्क औषधि केंद्र में हृदय रोगियों को दी जाने वाली एंटीबायोटिक और अन्य रूटीन की दवाएं आजकल नहीं मिल रहीं। मंडी के कश्मीर सिंह ने बताया कि उनके पिता को हृदय की बीमारी है।
चिकित्सकों ने पैकेज तो बना दिया है लेकिन जब दवा लेने काउंटर पर आए तो नसों की दर्द में दी जाने वाले मेगन्यूरोन और एंटीबायोटिक कलेमेक्स डी-5, नोपेक्स दवाएं नहीं मिलीं। तीमारदार ने बताया कि काउंटर पर जब पूछा तो बताया गया कि यह दवाएं मरीजों को बाहर से ही खरीदना पड़ेंगी। इस तरह की दिक्कतें अन्य मरीजों को भी झेलनी पड़ रही हैं। आईजीएमसी में डिप्टी एमएस का कार्यभार संभाल रहे डॉ. प्रवीण भाटिया ने बताया कि स्टोर इंचार्ज को दवाइयों संबंधी कार्यभार सौंपा है। इन्हें ही दवाइयों की जानकारी होगी।