शिमला
राज्य के बागवानी विभाग के अफसरों ने ब्याज के 10 करोड़ रुपये की राशि को सरकारी कोष में जमा नहीं करवाया है। केंद्र और राज्य सरकार की बागवानी स्कीमों के लिए करीब दो सौ करोड़ की राशि पिछले चार साल में खर्च नहीं हुई। जबकि इसे हर साल सरकार कोष में जमा किया जाना था। यह राशि बैंकों में जमा रहने से 10 करोड़ का ब्याज एकत्र हुआ और इसे भी सरकार खजाने में जमा करने में अफसरों की कोताही रही।
राज्य सरकार ने इस मामले में कड़ा नोटिस लिया है। इस संबंध में बागवानी निदेशक डॉ. आरके परूथी ने विभाग के सभी नियंत्रक अधिकारियों, उप निदेशकों, आहरण एवं वितरण अधिकारियों विषय विशेषज्ञों पत्र संख्या 10-20/ 2009-उद्यान-3 जारी किया है। इस पत्र मे कहा गया है कि विभिन्न केंद्रीय और राज्य की बागवानी योजनाओं की जमा राशि पर दस करोड़ ब्याज की राशि सरकार के कोष में जमा नहीं की गई है।
इस संबंध में संबंधित अधिकारियों को दस दिन के भीतर उपयुक्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। बागवानी निदेशक ने इस संबंध में जिक्र किया है कि इस मामले को लेकर ऑडिट आपत्ति भी जताई गई है। केंद्रीय सहायता प्राप्त और प्रदेश सरकार की विभागीय योजनाओं में आबंटित धनराशि जो विभागीय विकासात्मक गतिविधियों पर बजटीय आबंटन के वित्तीय वर्ष में व्यय की जानी थी।
इस राशि को विभाग तय अवधि में व्यय नहीं कर पाया। यह राशि बैंक में जमा करने के बदले सरकारी कोष में जमा होनी चाहिए थी। यह वित्तीय नियमों के खिलाफ भी है। यह धनराशि राजकोष में जमा करनी अपेक्षित थी। अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि यह राशि जमा करके बागवानी निदेशक को अनुपालना रिपोर्ट भेजी जाए।