सभी समागमों पर लगाई रोक, डीजीपी बोले- 200 जमाती प्रदेश में लौटे, 12 जिले हो सकते प्रभावित

चंडीगढ़
कैप्टन अमरिंदर सिंह (फाइल फोटो)
दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में हिस्सा लेने के लिए पंजाब से 200 लोग गए थे। ये सभी वापस लौट आए हैं। इन जमातियों के कारण राज्य के 12 जिले प्रभावित होने की आशंका है। इनकी तलाश की जा रही है और अब तक 73 लोगों की शिनाख्त की जा चुकी है। यह खुलासा गुरुवार को पंजाब के डीजीपी दिनकर गुप्ता ने किया। इस बीच, मुख्यमंत्री  कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मामले को गंभीरता से लेते हुए राज्य में धार्मिक समागमों सहित हर तरह के भीड़भाड़ वाले कार्यक्रमों के आयोजन पर रोक लगा दी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार सभी तरह के भीड़भाड़ वाले कार्यक्रमों पर पाबंदी लगाएगी, भले ही वे किसी भी धर्म से संबंधित हों। अमरिंदर ने कहा कि आगामी बैसाखी के त्योहार को देखते हुए वे निजी तौर पर श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार साहिबान से बात करेंगे, जबकि मुख्य सचिव को यह मामला शिरोमणि कमेटी के समक्ष उठाने को कहा है।

जमातियों को 21 दिन के एकांतवास में भेजने के आदेश
कैप्टन ने उन सभी को 21 दिन के एकांतवास में भेजने के आदेश दिए, जो इस निजामुद्दीन से वापस लौटे हैं। इसके अलावा पुलिस व प्रशासन के अफसरों को निर्देश दिया कि वे विशेष टीमों का गठन कर निजामुद्दीन से लौटे लोगों को ढूंढ निकालें और उनकी सेहत पर नजर रखें। कैप्टन ने पुलिस विभाग के उच्चाधिकारियों और जिला उपायुक्तों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मौजूदा हालात की समीक्षा की।

तब्लीगी जमात के लिए पंजाब आए बाहरी लोगों का भी पता नहीं
डीजीपी दिनकर गुप्ता के अनुसार, अलग-अलग समय पर पंजाब से 200 व्यक्ति निजामुद्दीन गए और वापस लौटे थे। इस तरह 12 जिलों के प्रभावित होने की आशंका है। उन्हें ढूंढने के अलावा अन्य प्रदेशों के व्यक्तियों को भी ढूंढा जा रहा है, जो तब्लीगी जमात के काम से पंजाब आए थे। फिलहाल इनमें से कोरोना प्रभावित कोई केस सामने नहीं आया है।

सेहत विभाग के प्रमुख सचिव अनुराग अग्रवाल ने मुख्यमंत्री को बताया कि विभाग को अब तक निजामुद्दीन से लौटे 125 जमातियों की सूची मिली है, जिनमें से 73 का पता चला है। उनमें 25 के सैंपल लिए जा चुके हैं। इनमें से कुछ लोग 19 मार्च को मानसा आए थे। उन्होंने बताया कि एहतियात के तौर पर इन सभी को क्वारंटीन कर दिया गया है।

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