विधानसभा सत्र के दौरान सत्तापक्ष व विपक्ष में कानून व्यवस्था के मामले पर तीखी नोकझोंक हुई।
प्रश्नकाल के दौरान भाजपा विधायक त्रिलोक जम्वाल ने उनके क्षेत्र में चरमराई कानून व्यवस्था का सवाल उठाया।
हिमाचल प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र में मंगलवार को सत्तापक्ष व विपक्ष में कानून व्यवस्था के मामले पर तीखी नोकझोंक हुई। प्रश्नकाल के दौरान भाजपा विधायक त्रिलोक जम्वाल ने उनके क्षेत्र में चरमराई कानून व्यवस्था का सवाल उठाया। जम्वाल ने कहा कि कुछ दिन पूर्व एक राजनीतिक दल के नेता ने सीमेंट कंपनी के बड़े अधिकारी की गाड़ी का पीछा कर उन्हें पिस्टल दिखाकर धमकाया। पुलिस ने इस मामले में गंभीरता से कार्रवाई नहीं की। जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि अदाणी समूह और ट्रक ऑपरेटरों के बीच जब विवाद चला था तब सीमेंट कंपनी के अधिकारी की गाड़ी को रोककर उन पर काली स्याही फेंकी गई।
प्रधान के घर पर विजिलेंस दबिश का विरोध
भाजपा विधायकों ने बिलासपुर में एक प्रधान के घर पर विजिलेंस की टीम के छापामारी की कार्रवाई पर विरोध जताते हुए सदन में मामला उठाया। कहा कि 10 पुलिसकर्मी एक प्रधान के घर धमके। प्रधान किसी और विचारधारा से संबंधित है, इसलिए कार्रवाई हुई। इस पर सदन में जब हंगामा शुरू हुआ तो विधानसभा अध्यक्ष दोनों पक्षों के सदस्यों को शांति बनाए रखने के लिए कहा। साथ ही मंत्री हर्षवर्द्धन चौहान और सीएम सुक्खू को बोलने के लिए कहा। सीएम सुक्खू ने कहा कि बार-बार जोर-जोर से चीखना अच्छा नहीं लगता। पुलिस किसी राजनीतिक प्रतिशोध से काम नहीं करती। जो भी कार्रवाई प्रधान पर हो रही होगी, उसे कानूनी तरीके से कर रहे होंगे, अगर कोई गलत हो रहा होगा तो ध्यान में लाएं।
अनिल शर्मा ने जमीन अधिग्रहण का मामला उठाया
वहीं, भाजपा विधायक अनिल शर्मा ने सदन में मंडी शहर में पुल के साथ वाली जमीन के अधिग्रहण का मामला उठाया। उन्होंने कहा कि यह व्यवस्था परिवर्तन नहीं, लाखों रुपये की जमीन के लिए भू-अधिग्रहण के लिए करोड़ों दिए और शहर के बीच आकर रोक दिया। वहीं, इस पर मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि मुआवजा उचित रेट के हिसाब से ही देंगे। वहीं, सीएम सुक्खू ने कहा कि मुआवजे के वितरण में अनियमितता की कोई बात होगी तो उसकी जानकारी लेंगे।