
सतौन (सिरमौर)। गिरिपार क्षेत्र के सतौन पंचायत में बना पशु अस्पताल एक ओर ओर स्टाफ की कमी तो दूसरी ओर भवन की कमी के चलते चल रहा है। सतौन पंचायत में सन 1982 से पशु डिस्पेंसरी खोली गई थी। 1996 में अपग्रेड कर इसे पशु अस्पताल में बदला गया। तब से लेकर आज तक पशु अस्पताल किराए के भवन में चल रहा है लेकिन इस अस्पताल में आए दिनों स्टाफ की कमी हो रही है। अस्पताल के अंतर्गत चार डिस्पेंसरी की और एक मुख्यमंत्री आरोग्य पशुधन योजना की डिस्पेंसरी आती है जहां एक ओर इस अस्पताल में पिछले दो-तीन सालों से डाक्टर का पद खाली है वहीं इसके अंतर्गत आने वाली डिस्पेंसरी कठवार और चांदनी में फार्मासिस्ट का पद खाली है।
सतौन बेटनरी अस्पताल के अंतर्गत चांदनी कोड़गा, सखोली, कठवार, भजोन, सतौन, पौका पंचायतें आती हैं। इन पंचायतों के लगभग 26 राजस्व हैं। जबकि छोटे गांव अलग है लेकिन अस्पताल में पिछले कई सालों से चतुर्थ श्रेणी के दो और डाक्टर का एक पद खाली है। यहां पर एक एएचए और एक फार्मासिस्ट का स्टाफ है। तैनात एएचए को सरा छछेती का अतिरिक्त चार्ज भी है। उक्त स्टाफ को टीकाकरण के लिए दूर-दूर तक जाना पड़ता है। उस वक्त सतौन अस्पताल में आए दूर दराज के ग्रामीणों को बैरंग वापस लौटना पड़ता है।
सखोणी पंचायत प्रधान हुकर्म राम, कोडगा पंचायत प्रधान जोगेंद्र कपूर, सतौन पंचायत प्रधान रजनीश चौहान ने बताया कि इस अस्पताल के अंतर्गत इतना बड़ा क्षेत्र आता है और यहां पर डाक्टर का पद खाली है। सारा क्षेत्र पहाड़ी है।
उधर, इस विषय मेें उपनिदेशक बेटनरी नाहन डॉक्टर आरके आनंद ने बताया कि डॉक्टर का पद नई भर्ती पर ही भरा जा सकता है।