रोहड़ू। कार हादसे में घायल रतन सिंह की मौत के बाद संदासु अस्पताल में लोगों ने सोमवार सुबह जमकर हंगामा किया। लोगों ने आरोप लगाया कि अगर समय पर उपचार मिला होता तो घायल की जान बच सकती थी। सुबह हंगामे के समय अस्पताल में कोई चिकित्सक उपलब्ध नहीं था। ग्रामीणों ने सरकार से चिकित्सकों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है।
पंचायत समिति सदस्य रामेश्वर रतवान, शेर सिंह, विनोद दुआ, बिहारी लाल चौहान, पंचायत प्रधान रावल नाथ, राजा राम, जय चंद धांटा तथा चिड़गांव के प्रधान शमशेर सिंह ठाकुर ने कहा कि रविवार शाम कार हादसे के बाद घायल रतन सिंह तीन घंटे तक अस्पताल में इलाज के लिए चीखता रहा। एक घायल को उपचार के लिए रेफर किया गया तो दूसरे को अस्पताल में बिना सुविधाओं के ही भर्ती कर दिया गया। कहा कि घायल का उपचार करने के लिए कोई सामने नहीं आया। तीन घंटे के बाद घायल ने संदासु अस्पताल में दम तोड़ दिया। सोमवार सुबह लढ़ोट गांव से दर्जनों लोगों और मृतक के परिजनों ने अस्पताल में दो घंटे तक हंगामा किया। उन्होंने सरकार से अस्पताल में तैनात चिकित्सकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। जनप्रतिनिधियों ने अस्पताल में सभी खाली पदों को भरने का भी सरकार से आग्रह किया है। एसडीएम वाईपीएस वर्मा ने कहा कि संदासु अस्पताल में लोग बुरी तरह भड़के हुए थे। मामले की जांच के लिए सिविल अस्पताल रोहड़ू के प्रभारी चिकित्सक को जिम्मेवारी दी गई है। उनकी रिपोर्ट एक सप्ताह में आने के बाद आगामी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि लोगों को समझा कर शांत किया गया है। इसके बाद ही ग्रामीणों ने अस्पताल से शव उठाया।