शिक्षक ने फर्जी प्रमाण पत्र के जरिए हांसिल की नौकरी, अब बर्खास्त होने के साथ होगी कार्रवाई

शिक्षक ने फर्जी प्रमाण पत्र के जरिए हांसिल की नौकरी, अब बर्खास्त होने के साथ होगी कार्रवाई

फर्जी अनुसूचित जाति प्रमाणपत्र से नौकरी लेने वाले शिक्षक को स्कूल शिक्षा निदेशालय ने सरकारी सेवाओं से बर्खास्त कर दिया है। जनवरी 2025 में शिक्षक के खिलाफ नेरवा पुलिस थाना में आपराधिक कदाचार, जालसाजी का मामला दर्ज हुआ था। अनुसूचित जाति बेरोजगार संघ ने शिक्षा सचिव को इस बाबत शिकायत की थी। मामले की जांच पूरी होने के बाद शनिवार को स्कूल शिक्षा निदेशक आशीष कोहली ने कार्यालय आदेश जारी कर शिक्षक को बर्खास्त कर दिया है।

शिक्षा विभाग ने सरकारी वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय देइया, जिला शिमला में कार्यरत टीजीटी कला रोशन लाल की सेवाओं को समाप्त किया है।
जांच में पता चला है कि उन्होंने कथित तौर पर फर्जी अनुसूचित जाति प्रमाणपत्र से नियुक्ति हासिल की थी। अनुसूचित जाति बेरोजगार संघ की ओर से दायर शिकायत में आरोप लगाया गया था कि रोशन लाल सामान्य श्रेणी से संबंधित है। उसे फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर एससी (आईआरडीपी) उम्मीदवारों के लिए आरक्षित पद पर नियुक्त किया गया था। जांच के बाद पुलिस स्टेशन नेरवा ने भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 467, 468 और 471 के तहत आपराधिक कदाचार, जालसाजी और झूठे दस्तावेजों के इस्तेमाल का हवाला देते हुए एक एफआईआर दर्ज की। विभागीय जांच में पता चला कि रोशन लाल का नाम 2008-09 की एससी (आईआरडीपी) मेरिट सूची में सीरियल नंबर 13 पर आया था और उन्हें आरक्षित रिक्ति के खिलाफ टीजीटी (कला) के रूप में नियुक्त किया गया था।
रिकॉर्ड से यह भी पता चला कि उसने पहली नियुक्ति के लिए अपनी मेडिकल जांच के दौरान और आधिकारिक दस्तावेजों में खुद को अनुसूचित जाति के रूप में घोषित किया था, जिसमें सेवा पुस्तिका भी शामिल थी, जिससे बाद में कथित तौर पर व्हाइटनर का उपयोग करके छेड़छाड़ की गई थी। अपनी पात्रता को सही ठहराने और सहायक दस्तावेज प्रदान करने के लिए कई नोटिस दिए जाने के बावजूद रोशन लाल संतोषजनक स्पष्टीकरण देने में विफल रहे। नवंबर 2024 के एक बयान में उन्होंने सामान्य श्रेणी से संबंधित होने की बात स्वीकार की। स्कूल की ऑर्डर बुक की जांच से पता चला कि रोशन लाल को 2022 में लिपिकीय जिम्मेदारियां सौंपी गई थीं, जिससे उन्हें संवेदनशील स्कूल रिकॉर्ड तक पहुंच मिल गई थी। ऐसी संभावना है कि उन्होंने अपने पास मौजूद आधिकारिक दस्तावेजों में फेरबदल किया होगा। शनिवार को स्कूल शिक्षा निदेशालय द्वारा जारी किए गए समाप्ति आदेश में कहा गया है, तथ्यों और परिस्थितियों को देखते हुए यह स्पष्ट है कि रोशन लाल ने गलत प्रमाणपत्र प्रस्तुत करके अनुसूचित जाति श्रेणी के कोटे का अवैध रूप से लाभ उठाया। ऐसे में नियुक्ति आदेश की शर्त संख्या 14 के अनुसार उनकी सेवाएं तत्काल प्रभाव से समाप्त की जाती हैं।

Related posts