
शिलाई (सिरमौर)। जम्मू की सरहद पर रक्षा करते बांदली गांव के 22 वर्षीय श्याम सिंह की मौत से समूचे क्षेत्र में मातम छाया हुआ है। शहीद के परिवार को सांत्वना देने के लिए क्षेत्र के सैकड़ों लोग बांदली गांव पहुंच रहे हैं। शहीद की माता कमला देवी, पिता प्रताप सिंह, बड़े भाई दिनेश, दलीप व बड़ी बहन सरिता तथा भाभी निशा देवी को एक गम है कि उनके शहीद श्याम सिंह का विवाह न हो सका।
शहीद के माता पिता तथा भाइयों का कहना है कि श्याम सिंह शहीद होकर अपना तो नाम अमर कर गया लेकिन पूरे परिवार को गम छोड़ गया। मां कमला देवी का कहना है कि उनका बेटा उनके दूध का कर्ज चुका कर भारत मां की सेवा करते हुए शहीद हो गया।
ग्रामीण जगत सिंह चौहान, इंद्र सिंह, कुंदन सिंह चौहान ने बताया कि शहीद श्याम सिंह के विवाह के लिए रिश्ता हलांह गांव में हुआ था। इनकी शादी मई माह में होनी तय हुई थी लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था। श्याम अपनी कुर्बानी तो दे गया लेकिन क्षेत्रवासियों के लिए गम छोड़ गया।