मदकोट। प्रदेश के प्रमुख वन संरक्षक (पीसीसीएफ) आरवीएस रावत ने यहां गोरीगंगा जल विद्युत परियोजना के प्रस्तावित डैम स्थल का मुआयना किया। उन्होंने एनएचपीसी के वरिष्ठ अधिकारियों से भी वार्ता की। कहा कि विकास के साथ ही वनों की हिफाजत भी जरूरी है। उन्होंने परियोजना के सर्वे में वन संपदा के कम से कम नुकसान पर जोर दिया।
गोरीगंगा जल विद्युत में 120 मेगावाट की परियोजना प्रस्तावित है। एनएचपीसी की गोरीगंगा परियोजना के चीफ मनोज कुमार ने परियोजना से संबंधित जानकारी दी। प्रस्तावित सर्वे से लेकर आगे की गतिविधियों से रूबरू कराया। बताया गया कि फिलहाल सर्वे का काम चल रहा है। जिसके दिसंबर 2015 तक पूरा होने की संभावना है। और इसके बाद निर्माझा कार्य शुरू हो सकेगा। इस मौके पर एनएचपीसी के मुख्य अभियंता भास्कर पाटनी, प्रबंधक हरिशंकर कसन्याल, एनएचपीसी के पर्यावरण विंग के डिप्टी मैनेजर डीपी राठौर, अजय कुमार वर्मा, कुमार मनीष, इंजीनियर विक्रम पांगती आदि मौजूद थे।