वायु गुणवत्ता के सैंपल फेल

सोलन। अंबुजा सीमेंट उद्योग के वायु गुणवत्ता के सैंपल फेल हो गए हैं। उत्पादन क्षेत्र के आसपास के छह गांवों की करीब दस हजार आबादी प्रदूषण की जकड़ में आ गई है। लोगों के स्वास्थ्य और वातावरण को ध्यान में रखते हुए प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड ने कार्रवाई शुरू कर दी है।
हिमाचल प्रदेश प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड परवाणू सोलन ने अंबुजा कंपनी को (एयर प्रिवेंशन एंड कंट्रोल आफ पॉल्यूशन) एक्ट 1981 के तहत नोटिस जारी कर दिया है। सात दिनों का समय देते हुए प्रदूषित इलाकों में सुधार का टाइम बाउंड एक्शन प्लान जमा करवाने के निर्देश जारी किए हैं। जवाब न देने या असंतुष्ट होने की स्थिति स्थिति में अंबुजा सीमेंट उद्योग का बिजली का कनेक्शन तक कट सकता है।
इस संबंध में प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के अधिशासी अभियंता दीपक अग्रवाल ने बताया कि 4 अप्रैल से 12 अप्रैल तक वायु क्षेत्र में वायु के सैंपल एकत्र किए गए हैं। यह सैंपल फेल हुए हैं। नोटिस जारी करते हुए सात दिनों के भीतर एक्शन प्लान मांगा गया है। अगर जवाब सही नहीं आया तो आगामी कार्रवाई होगी, जिसमें बिजली का कनेक्शन तक कटने की नौबत आ सकती है। खाता, रौड़ी, धौऊटी, दाड़लाघाट, भटेड, मांगू और रतोह से वायु प्रदूषण के सैंपल लिए गए थे।

मिला नोटिस, दिया जवाब : शर्मा
अंबुजा के वाइज प्रेजीडेंट दिनेश शर्मा ने कहा कि प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड का नोटिस मिला है। जिसका जवाब दे दिया गया है। कंपनी वातावरण का पूरी तरह से ध्यान रख रही है। नियमों को ध्यान में रखकर ही सीमेंट उद्योग में उत्पादन हो रहा है। प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के सुझावों पर भी अमल किया जाता रहता है। दोबारा से सैंपल लिए जाएं।

बोर्ड के सुझाव
1- एयर पॉल्यूशन कंट्रोल डिवाइस के उपकरणों को अपग्रेड करें।
2- साइट्स की सड़कों पर पानी की बौछारें नियमित रूप से करें।
3- प्लांटेशन को जितना हो सके, उतना बढ़ाने के प्रयास जरूरी हैं।
4- साइट्स पर होनी वाली ब्लास्टिंग को कंट्रोल व मानकों के अनुरूप करें।
5- माइंस के सामने रैंप को पूरी तरह से मैटलिंग करने की आवश्यकता।

सेहत और खेती हो रही प्रभावित
स्थानीय ग्रामीणों में जगदीश शर्मा, प्रेम लाल, हेमराज शर्मा, रत्न पाल, बाबू राम, श्याम लाल शर्मा, अमर चंद शर्मा, गुलाबा राम और प्रेम चंद ठाकुर वायु प्रदूषण के कारण लोगों की सेहत और खेती प्रभावित हो रही है।

इन बीमारियों का खतरा
सीएमओ शशिपाल ने बताया कि इस वायु प्रदूषण से सांस संबंधी दिक्कत हो सकती है। दमे का सबसे अधिक खतरा रहता है। त्वचा की बीमारी के साथ-साथ सिरदर्द और नजर पर भी फर्क पड़ सकता है। हमेशा बाहर निकलते वक्त चश्मा और मुंह ढंक कर निकलें। आसपास सफाई का खास ध्यान रखें। खाने की वस्तुओं को खुले में न छोड़ें।

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