
कुल्लू। लोक निर्माण महकमे के नए नियमों को लेकर विरोध के स्वर उठना शुरू हो चुके हैं। लोनिवि ने सरकारी ठेकेदारों के पंजीकरण और नवीनीकरण को लेकर नए नियम और शर्तें तय की हैं। इसमें लाखों रुपये के वर्कडन की शर्त भी शामिल है। ठेकेदारों का कहना है कि कुछ लोगों को पिछले साल कार्य ही नहीं मिले हैं ऐसे में वर्कडन की शर्त पूरा करना उनके लिए संभव नहीं।
लाहौल स्पीति कांग्रेस के प्रवक्ता एवं बीडीसी के पूर्व अध्यक्ष नोरबू थोलगपा ने भी विभाग के नए नियमों का विरोध किया है। थोलगपा ने कहा कि लोनिवि की तरह ही आईपीएच महकमे ने भी इन शर्तों में संशोधन कर नियमों को कड़ा कर दिया है। कहा कि इस सच्चाई से कोई इंकार नहीं कर सकता है कि प्रदेश में जिस भी राजनीतिक दल की सरकार बनती है लोनिवि और आईपीएच के टेंडर आवंटन में उसी दल से जुड़े ठेकेदारों का वर्चस्व रहता है। पांच सालों के दौरान भाजपा से जुड़े ठेकेदारों ने टेंडर प्रक्रिया में बाजी मार खूब काम लिए हैं। विपक्षी दल कांग्रेस पार्टी से जुड़े 90 फीसदी ठेकेदारों को काम नहीं मिले। ऐसे में अब यह वर्ग करोड़ों और लाखों रुपये के वर्कडन कहां से लाएंगे। आईपीएच महकमे में भी लाइसेंसों के पंजीकरण और नवीनीकरण को लेकर ठेकेदारों से प्रमाणपत्रों की लंबी चौड़ी लिस्ट लगाने को कहा जा रहा है। इसमें शैक्षणिक, हिमाचली बोनाफाइड, वोटर आईडी कार्ड, अजा प्रमाणपत्र, चल अचल संपत्ति की एफिडेविट, जमाबंदी की फोटोकापी शामिल है। नोरबू थोलगपा ने विभाग से सवाल किया है कि प्रदेश के मूल निवासी तो यह तमाम प्रमाणपत्र जमा करवा देंगे लेकिन नेपाली मूल के ठेकेदारों का बगैर बोनाफाइड और अजा के किस आधार पर विभाग पंजीकरण और नवीनीकरण की प्रक्रिया पूरी कर रही है। कहा कि नियमों में ढील देने के लिए लाहौल स्पीति कांग्रेस कमेटी का दल जल्द ही मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और सचिव लोनिवि से मिलेगा। लाहौल ठेकेदार यूनियन के अध्यक्ष सुरेंद्र कुमार ने कहा कि पांच साल तक सत्ता से जुड़े लोगों को ही ठेके मिले हैं। लिहाजा इन शर्तों में विभाग को थोड़ी ढील देनी चाहिए।
तय नियमों पर दिए जाते हैं ठेके : कपूर
लोनिवि के अधीक्षण अभियंता विजय कपूर ने कहा कि सरकारी ठेके टेंडर फाइट करने पर दिए जाते हैं। इसमें राजनीतिक दल नहीं बल्कि टेंडर में भरी शर्तों और रकम को ध्यान में रखा जाता है। कहा कि ठेके तय नियमों के तहत ही दिए जाते हैं।