
रामपुर बुशहर। किन्नौर के पूर्व विधायक तेजवंत नेगी ने कहा कि कांग्रेस सरकार भले ही सौ दिन के कार्यकाल को उपलब्धि भरा मान रही है, लेकिन जनजातीय क्षेत्र के लोगों के लिए यह दिन काफी कष्टदायी रहे। भारी हिमपात के कारण जिले में बिजली, टेलीफोन, स्वास्थ्य, पेयजल जैसी सुविधाएं ध्वस्त हो गई थीं और लोग काफी परेशानी से गुजर रहे थे, लेकिन सरकार के नुमाइंदे शिमला में बैठे रहे। रामपुर में रविवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए पूर्व विधायक ने कहा कि किन्नौर जिले के लोगों के तीन महीने काफी कष्टदायी बीते। 17 जनवरी और फिर उसके बाद दो बार हिमपात होने से जिले में सभी सड़कें बंद हो गईं और बिजली, टेलीफोन सहित पेयजल सेवाएं भी ठप हो गई थीं। लेकिन, कांग्रेस सरकार लोगों को तमाम समस्याओं से राहत दिला नहीं पाई। और तो और जिले में अभी भी सभी तरह की सेवाएं पूरी तरह से सामान्य नहीं हो पाई हैं। जबकि, पूर्व भाजपा सरकार के समय बर्फबारी और बरसात में अस्त-व्यस्त सेवाओं को जल्द बहाल किया जाता था। पूर्व भाजपा सरकार पहले ही बर्फबारी से निपटने के इंतजाम करती थी, मगर कांग्रेस सरकार के समय ऐसा कुछ नजर नहीं आया। सरकार नेकिन्नौर और अन्य जनजातीय इलाकों के लिए हेलिकाप्टर सेवा भी तब आरंभ की, जब लोगों ने शोर मचाना शुरू किया। उन्होंने हवाई सेवा पर सवाल उठाते हुए कहा कि इसमें भारी भेदभाव बरता गया। किन्नौर से किन लोगों को रामपुर या शिमला पहुंचाया गया और रामपुर से कितने लोग किन्नौर पहुंचाए गए, सरकार उनकी सूची सार्वजनिक करें। हवाई सेवाओं में मरीजों और विद्यार्थियों को नजर अंदाज किया गया, जबकि इनको प्राथमिकता मिलनी चाहिए थी। जिले में बर्फबारी से करीब दो सौ करोड़ का नुकसान आंका गया लेकिन सरकार ने अभी केवल चार करोड़ रुपये दिए हैं। यह राशि ऊंट के मुंह में जीरा के समान है।