शिमला। खाद्य वस्तुओं का कारोबार करने वाले कारोबारियों को फूड सिक्योरिटी लाइसेंस रिन्यू करवाने के लिए 30 जून तक का अल्टीमेटम दिया गया है। 1 जुलाई से रिन्यू किए जाने वाले लाइसेंस पर प्रतिदिन के हिसाब से 100 रुपये जुर्माना वसूल किया जाएगा। शहर में करीब 5 हजार कारोबारी खाद्य वस्तुओं का कारोबार करते हैं। इनसे में सिर्फ 2500 ने ही अभी तक फूड लाइसेंस रिन्यू करवाए हैं।
नगर निगम क्षेत्र के तहत खाने-पीने की चीजों को बेचने वालों को फूड लाइसेंस बनवाना अनिवार्य किया गया है। हर साल इन लाइसेंसों को रिन्यू किया जाता है। इसके तहत दुकान मालिक और वहां पर काम करने वाले कर्मियों का मेडिकल परीक्षण होता है। सालाना 12 लाख से कम टर्न ओवर वाले कारोबारियों का 100 रुपये में लाइसेंस रिन्यू होता है जबकि 12 लाख से अधिक टर्न ओवर वालों को दो हजार रुपये शुल्क चुकाना होता है। रेस्टोरेंट, होटल, ढाबों, दुकानों में खाने और पीने का सामान बेचने वालों से लेकर सड़क किनारे और गलियों में बैठकर खाद्य वस्तुओं का कारोबार करने वालों के लिए लाइसेंस का रिन्यू करवाना आवश्यक है। इन लाइसेंसों को रिन्यू करने के लिए नगर निगम ने अब 30 जून तक का अल्टीमेटम कारोबारियों को दिया है। 30 जून के बाद रिन्यू होने को आने वाले लाइसेंस धारकों पर प्रतिदिन 100 रुपये के हिसाब से जुर्माना वसूल किया जाएगा।
लाइसेंस रिन्यू करवाना जरूरी : डा. उमेश
नगर निगम के मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी डा. उमेश कुमार भारती ने बताया कि खाद्य वस्तुओं का कारोबार करने वाले सभी व्यक्तियों को लाइसेंस रिन्यू करवाने होंगे। शाखा के कर्मियों के औचक निरीक्षण में अगर किसी कारोबारी के पास फूड लाइसेंस नहीं मिला तो उसके खिलाफ नए एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी। 30 जून के बाद प्रतिदिन के हिसाब से 100 रुपये का जुर्माना वसूला जाएगा।
दुकान पर रखनी होगी असली कॉपी
खाद्य पदार्थों का कारोबार करने वाले लोगों को लाइसेंस की असली कॉपी दुकान में प्रदर्शित करनी होगी। अगर निरीक्षण के दौरान लाइसेंस की फोटो कॉपी दिखाई तो भी स्वास्थ्य शाखा कार्रवाई करेगी।
ठेले वाले भी आएंगे दायरे में
ठेले पर चौमिन, चाट, गोलगप्पे आदि बेचने वाले भी फूड सेफ्टी एक्ट के दायरे में आ गए हैं। जिस स्थान के लिए उन्हें लाइसेंस दिया जाएगा वहीं पर उन्हें व्यवसाय करना होगा। साफ. सफाई का भी विशेष ध्यान उन्हें रखना होगा। ऐसा नहीं होने पर तीन से पांच लाख रुपये तक का जुर्माना देना पड़ सकता है। इसके अलावा भंडारे और शादियों में खाना बनाने वालों को भी लाइसेंस के दायरे में रखा गया है।