
निर्देशक सुधीर मिश्रा की नई फिल्म ‘इंकार’ आफिस में होने वाले यौन उत्पीडऩ और वासना पर आधारित है।फिल्म में अर्जुन रामपाल एक विज्ञापन एजैंसी के सी.ई.ओ. राहुल के किरदार में हैं जिस पर क्रिएटिव हैड माया यानी चित्रांगदा सिंह ने गलत बर्ताव का आरोप लगाया है। मिश्रा बहुत ही चालाकी से आम इश्कबाजी और महत्वाकांक्षा की कहानी दर्शाते हैं।
फिल्म बनावटी किरदार और अजीब अंत की वजह से एक अच्छी सैक्सुअल थ्रिलर होने की क्षमता खो देती है। इंकार बड़े ही दिलचस्प तरीके से अपनी थीम को सामने लाती है जिसकी शुरूआत एक जांचकत्र्ता और सोशल वर्कर से होती है जिसके किरदार को दीप्ति नवल ने बखूबी निभाया है। एजैंसी के अहम कर्मचारी भी इस जांच में मदद करते हैं। पता चलता है कि माया और राहुल के बीच अफेयर था, पर चीजें तब बिगड़ गईं जब माया कामयाबी की सीढिय़ां चढ़ती चली गई और वह बोर्ड ऑफ डायरैक्टर में शामिल हो गई। माया कहती है की राहुल ने उसका यौन उत्पीडऩ किया, वहीं राहुल कहता है कि माया ने कामयाबी पाने के लिए उसका इस्तेमाल किया है। फिल्म में परफार्मैंस ठीक-ठाक ही है। समीक्षक : राजीव मसंद