हल्द्वानी। वंश बढ़ाना हो तो बेटी की बलि, शराब की प्यास बुझानी हो तो बेटी की बिक्री, भूख से हारे तो बेटी का सौदा, हवस मिटानी हो तो बेटी पर ही निशाना। गरीबी, नशा और घटिया मानसिकता से घिरते जा रहे समाज में बेटी हर तरफ से खतरे में है। और तो और अब वह घर में भी सुरक्षित नहीं है। यहां तो पिता भी बेटियों के लिए क्रूरता की हद पार कर रहे हैं। बृहस्पतिवार को पुलिस ने ऐसी ही खतरे में पड़ी हुई एक बेटी बचा लिया। इस मासूम का सौदा उसके बाप ने रिक्शा खरीदने के लिए 35 हजार रुपये में किया था। ऐसा नहीं कि रिक्शा परिवार पालने के लिए खरीदना था। इससे भी शराबी बाप को अपनी लत शांत करनी थी। पुलिस ने आरोपी और उसकी सहयोगी महिला दलाल को पकड़ लिया है। लेकिन उसे खरीदने लिए रुपये देने वाला राज मिस्त्री फरार है।
भोलानाथ गार्डन निवासी रिक्शा चालक राजूलाल की 13 वर्षीय बेटी आरती रविवार को घर से कहीं चली गई। राजूलाल ने उसकी गुमशुदगी की शिकायत कोतवाली पुलिस से की। पुलिस ने आरती को बृहस्पतिवार को गौला पार से उसके एक रिश्तेदार के घर से बरामद कर लिया। पिता द्वारा उसका सौदा किए जाने की बात पर पुलिस उसे एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग सेल ले आई। यहां सेल प्रभारी डीएल वर्मा की पूछताछ में उसने जो खुलासा किया उससेएक पिता की काली करतूत का पता चला। आरती ने बताया कि उसका पिता उसे एक युवक को बेचना चाह रहा था। पता चलने पर वह घर से भाग गई।
सेल ने लड़की की शिकायत पर उसके पिता को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में उसने बताया कि उसे रिक्शा खरीदने के लिए रुपये चाहिए थे। इसका जिक्र उसने कुछ लोगों से किया था। उसकी परिचित महिला आशा देवी ने उसे आरती के बदले 35 हजार रुपये दिलवाने का लालच दिया। इसमें से 10 हजार रुपये आशा को मिलने थे। लालच और जरूरत के चलते वह तैयार हो गया। आशा ने काशीपुर निवासी टाइल्स मिस्त्री सुनील से राजूलाल की बात करवाकर सौदा पक्का कर दिया। पैसों का इंतजाम होते ही सुनील आरती को ले जाता। लेकिन सौदे की भनक लगने पर वह घर से भाग गई। राजूलाल और आशा देवी ने सौदे की बात कबूल कर ली।
आरती को पिता से नफरत
आरती अपने पिता से बेहद नफरत करती है। जब वह 22 दिन की थी तो मां का साया सिर से उठ गया। तभी से ताऊ मुन्ना राम और ताई ने उसे पाला। पिता सुबह रिक्शा लेकर चला जाता और रात में शराब पीकर आता। इसी तरह आरती पिता से दूर होती चली गई और ताऊ-ताई ने ही उसे पाला। ह्यूमन ट्रैफिकिंग सैल में अपनी कहानी सुनाते हुए आरती रो पड़ी। उसका कहना था कि अगर उसकी मां होती तो शायद आज उसका पिता इस तरह उसका सौदा नहीं करता। पिता की इस करतूत से वह बुरी तरह आहत है। उसे समझ नहीं आ रहा कि आगे क्या करे। वह नौवीं में पढ़ रही है। कहती है कि अब पिता से सारे रिश्ते तोड़कर अलग रहेगी। पढ़ाई में खूब मन लगाएगी और कुछ कर दिखाएगी।