राहत के बजाय आफत बने लोक मित्र केंद्र!

स्वारघाट (बिलासपुर)। लोक मित्र केंद्रों में बिल जमा कराना उपभोक्ताआें के लिए राहत के बजाय आफत साबित होने लगा है। कई केंद्रों में उपभोक्ताआें द्वारा किए जाने वाले भुगतान की राशि आगे विभाग के पास समय पर जमा नहीं कराई जा रही है। इसके चलते लोगाें को बेवजह परेशान होना पड़ रहा है। आलम यह है कि कई उपभोक्ताओं के कनेक्शन कटने की नौबत तक आ रही है।
मामला बैहल पंचायत में स्थित लोक मित्र केंद्र का है। स्वाहण निवासी रामलोक ठाकुर के अनुसार उसने अपनी आटा चक्की का 740 रुपये का बिजली बिल गत 26 फरवरी को लोक मित्र केंद्र बैहल में जमा करा दिया था। रसीद के रूप में लोक मित्र केंद्र के संचालक द्वारा बिल के एक हिस्से पर प्राप्ति की मोहर लगाकर उसे वापस लौटा दिया गया। इसके बावजूद मार्च माह में पिछली राशि जोड़कर उसे 2853 रुपये का बिल थमा दिया गया। कनेक्शन कटने की नौबत आते देख उसे पेनल्टी समेत पुराने बिल का भुगतान भी दोबारा करना पड़ा।
उधर, पूर्व पंचायत उपप्रधान स्वर्ण सिंह के साथ ही जीतराम, हरी सिंह, हरिचरण दास, बालकराम, मलकीयत सिंह, कमल सिंह व कुलदीप सिंह आदि भी इसी तरह की समस्या से दो-चार हो चुके हैं। उनका कहना है कि लोक मित्र केंद्र के संचालक द्वारा समय पर विभाग के पास पैसा जमा नहीं कराया जाता। इसके चलते उन्हें दूसरी बार बिल का भुगतान करने पर मजबूर होना पड़ रहा है। कई बार तो विभाग के कर्मचारी कनेक्शन काटने पहुंच जाते हैं। लोक मित्र केंद्र द्वारा दिया गया बिल दिखाने पर वे उसे मानने से इंकार कर देते हैं। उन्हाेंने विद्युत बोर्ड के अधिकारियों से आग्रह किया है कि लोक मित्र केंद्रों की इस लेटलतीफी की सजा लोगों को न दी जाए। साथ ही लोगाें के बिल पूर्वतया बोर्ड के कार्यालय में ही जमा किए जाएं। उधर, इस बारे में संपर्क साधने पर लोक मित्र केंद्र के संचालक नीरज कुमार ने कहा कि गत फरवरी माह के अंतिम सप्ताह में बिल जमा कराया गया था। उस दौरान कंप्यूटर सिस्टम में तकनीकी खराबी आने के कारण संभवतया कुछ बिल अपडेट नहीं हो पाए थे। यदि किसी उपभोक्ता को अतिरिक्त बिल आता है तो उसे अगले बिल में एडजस्ट किया जाता है।

Related posts