

सरकार को लाहौल से अपने स्तर पर समान खरीदने की शिकायत मिली है। इसके बाद राशि खर्च करने पर रोक लगाई गई है। सरकार ने सभी पंचायतों को निर्देश दिए हैं कि वे अपने फंड से मुख्यमंत्री राहत कोष में 20-20 हजार रुपये जमा करें।
हिमाचल की तकरीबन सभी पंचायतों के पास सवा फंड में लाखों रुपये की राशि है। प्रदेश में कई ऐसी भी पंचायतें हैं, जिनके पास 10 लाख व इससे भी अधिक राशि है।
पंचायतों के पास यह राशि शराब की एक बोतल पर एक रुपया मिलने, दुकानों, जमीन को किराये पर देने, मेलों से जमा हुई है। इस राशि से पंचायतें मुख्यमंत्री राहत कोष में पैसा देंगी।
पंचायतों को सवा फंड से मुख्यमंत्री राहत कोष में 20-20 हजार राशि देने के निर्देश जारी किए हैं। पंचायतों को इस फंड से पैसा खर्चने को मना किया गया है।- वीरेंद्र कंवर, पंचायतीराज मंत्री
स्वास्थ्य विभाग के निर्देशों का पालन करें : बत्ता
इस पत्र कोरोना से बचाव को लोगों को जागरुक करने को अपने घरों से बाहर निकलकर पंचायत क्षेत्र में गतिविधियां चलाने को कहा है। पंचायतों में चलाई जा रही रोज की गतिविधियों की तस्वीरें भी सरकार से साझा करने को कहा गया है। सचिव ने साफ शब्दों में कहा है कि पंचायत प्रधान और पंचायत सचिव अगर कोरोना से बचाव के लिए अपने इलाकों में कोई गतिविधियां चलाते हैं तो उस दौरान स्वास्थ्य विभाग के दिशानिर्देश का भी सख्ती से पालन करना होगा।