राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत यूजी डिग्री कोर्स का सिलेबस 31 मार्च तक होगा तैयार

राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत यूजी डिग्री कोर्स का सिलेबस 31 मार्च तक होगा तैयार

हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय ने शैक्षणिक सत्र 2023-24 से कॉलेजों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 लागू करने के लिए होम वर्क लगभग पूरा कर लिया है। 31 मार्च तक यूजीसी के दिशा-निर्देशों के अनुरूप यूजी डिग्री कोर्स का पाठ्यक्रम तैयार हो जाएगा। इसके बाद इसे ईसी से मंजूरी दिलाई जाएगी। इसे विवि के आर्डिनेंस का हिस्सा बनाकर लागू किया जा सकेगा। तैयारियों की समीक्षा और नीति पर चर्चा के लिए मंगलवार को प्रदेश विवि में अधिष्ठाता अध्ययन प्रो. कुलभूषण चंदेल की अध्यक्षता में करीब ढाई घंटे तक बैठक हुई। इसमें प्रो. कुलभूषण चंदेल ने पीपीटी के माध्यम से शिक्षा नीति पर विस्तार से जानकारी दी। कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने की तैयारियां की जा चुकी हैं।

बैठक में विवि के सभी विभागाध्यक्षों,  शोध केंद्रों के निदेशकों के साथ कॉलेजों से आए प्राध्यापकों ने भी हिस्सा लिया। कॉलेज शिक्षकों ने अपनी बात रखी और समस्याएं गिनाईं। उन्होंने कहा कि नई नीति के अनुसार कॉलजों में शिक्षकों, प्राचार्यों की कमी को पूरा करना होगा। कॉलेजों में बैठने के लिए क्लास रूम तक की व्यवस्था पर्याप्त नहीं है। ढांचागत सुविधाओं की कमी है। ऐसे में कैसे कॉलेजों में अंतर संकाय विषय की च्वाइस छात्रों को मिल पाएगी। सरकार को कॉलेजों में अलग-अलग विषयों के शिक्षकों के अतिरिक्त पदों का सृजन और रिक्त पदों को भरना होगा। इस पर प्रो. कुलभूषण ने कहा कि विवि प्रशासन इन तमाम समस्याओं को सरकार के समक्ष उठाएगा।

उन्होंने नीति के तहत हर छात्र को अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट पंजीकृत करने, यूजीसी फ्रेम वर्क का खाका बनाने की स्वीकृति दी। बैठक में मल्टीपल एंट्री, एग्जिट के प्रारूप को अंतिम रूप दिया। क्षमता वृद्धि, कौशल विकास, क्षमता विकास एवं वैल्यू एडिड विषय के पाठ्यक्रम पढ़ाने के लिए करीब 90 विषयों की बॉस्केट विवि ने तैयार की है। बताया कि हर संकाय में तीन साल की डिग्री को 120 क्रेडिट, चार वर्ष के लिए शोध/ ऑनर्स के साथ 4 साल में न्यूनतम 160 क्रडिट लेने होंगे।

कॉलेजों से आए शिक्षकों से पाठ्क्रम तैयार करने के सुझाव दिए। प्रो. कुलभूषण चंदेल ने कहा कि साधन एवं संसाधनों की कमी हो सकती है, मगर आने वाले समय में यह कमियां दूर होती जाएंगी। शुरुआत में कुछ समस्याएं हो सकती हैं। इसके बाद सरकार और विश्वविद्यालय का संकल्प राष्ट्रीय शिक्षा नीति को अक्षरश लागू करना है। तैयारियां और औपचारिकताएं 31 मार्च तक पूरी कर ली जाएंगी।

सरकार, विभाग के सहयोग से प्रभावी ढंग से होगा क्रियान्वयन : प्रो. चंदेल   
विवि के अधिष्ठाता अध्ययन प्रो. कुलभूषण चंदेल ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति को जमीनी स्तर पर प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए सरकार और शिक्षा विभाग के सहयोग की आवश्यकता रहेगी। नीति को शिक्षा विभाग के अधीन चल रहे कॉलेजों में लागू किया जाना है। आवश्यकतानुसार शिक्षकों, ढांचागत सुविधाओं सहित हर कमी को सरकार और विभाग समय आने पर दूर करेगा।

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