राष्ट्रीय राजमार्ग टनकपुर-पिथौरागढ़ लगातार तीसरे दिन भी बाधित, एंबुलेंस भी फंसी, यात्री परेशान

टनकपुर/चंपावत।
टनकपुर-पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) लगातार तीसरे दिन भी बाधित रहा। रविवार सुबह आठवें मील और स्वांला में मलबा आने से एनएच साढ़े पांच घंटे बंद रहा। पोकलैंड का पाइप फटने और वुडकटर के खराब होने से सड़क खोलने में एक घंटे का समय अधिक लगा।

वहीं सड़क बंद होने से चार दर्जन से अधिक वाहन फंस गए। इस कारण बड़ी संख्या में यात्रियों को घंटों इंतजार करना पड़ा। मरीज को हल्द्वानी छोड़ कर लौट रही एक एंबुलेंस भी फंसी रही। टनकपुर से वाहनों को सड़क खुलने के बाद ही पहाड़ की ओर आने दिया गया। इधर चंपावत जिले की दो ग्रामीण सड़कें रविवार को भी बंद रहीं।

टनकपुर से 12 किलोमीटर दूर आठवें मील पर सुबह करीब चार बजे दो पेड़ों के गिरने के साथ भारी मात्रा में मलबा आ गया इससे रास्ता बंद हो गया। इसके बाद सुबह 4:41 बजे स्वांला में भी मलबा आने से आवाजाही ठप हुई। स्वांला से मलबा छह बजे साफ कर लिया गया लेकिन आठवें मील से मलबा हटाने में लगी पोकलैंड मशीन का पाइप फटने से इसे ठीक करने में समय लगा।
यात्रियों को झेलनी पड़ी परेशानी

यह पाइप ठीक हुआ तभी सड़क पर पड़े पेड़ को काटने वाली वुडकटर ने जवाब दे दिया। इसके ठीक नहीं होने पर वन दरोगा रेवाधर जोशी ने टनकपुर से दूसरी मशीन मंगवा कर पेड़ कटवाया। अलबत्ता इस कवायद में एक घंटे का समय और लगा। सुबह साढ़े नौ बजे मलबा हटा कर आवाजाही सुचारु की गई।

उधर सड़क बंद होने पर टनकपुर से पहाड़ की ओर आने वालों को ककरालीगेट पर ही रोक दिया गया जबकि पहाड़ से मैदान को जाने वाले चार दर्जन से अधिक छोटे-बड़े वाहनों के रास्ते में फंसने से यात्रियों को परेशानी झेलनी पड़ी। प्रशासन के किसी अधिकारी के मौके पर नहीं होने होने से यात्रियों के लिए पानी आदि की व्यवस्था भी नहीं की जा सकी।

तीन दिन बंद हुआ एनएच
19 अगस्त : दोपहर 2:06 बजे से रात आठ बजे तक और उसके बाद रात नौ बजे से रातभर आवाजाही बंद रही।
20 अगस्त : सुबह छह बजे से साढ़े नौ बजे तक।
21 अगस्त : सुबह 4:10 बजे से 9:35 बजे तक।
चंपावत जिले की बंद सड़कें
कजीना-पुनौली और सिप्टी-अमकड़िया।

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