

जांच एजेंसी का कहना है कि कपूर दंपती को यह रिश्वत यस बैंक से गौतम थापर की कंपनी अवंता रियल्टी एंड ग्रुप कंपनीज को 1900 करोड़ रुपये का कर्ज दिलाने और उसकी रिकवरी प्रक्रिया को धीमा करने के बदले में दी गई। ईडी ने सीबीआई की तरफ से हाल ही में दर्ज एफआईआर के आधार पर इस मामले में मनी लान्ड्रिंग निरोधक कानून (पीएमएलए) के तहत प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) दर्ज की है।
ईसीआईआर को एफआईआर के ही बराबर माना जाता है। राणा को ईडी ने एक अन्य मामले में 8 मार्च को गिरफ्तार किया था और उसका 20 मार्च तक का रिमांड ले रखा है। ईडी अधिकारियों का दावा है कि एजेंसी ने राष्ट्रीय राजधानी में लुटियंस जोन के अमृत शेरगिल मार्ग पर 1.2 एकड़ जमीन पर बने बंगला नंबर 40 के मालिकाना हक, बिक्री और गिरवी से जुड़े बहुत सारे वित्तीय दस्तावेज हासिल किए हैं।
ईडी अधिकारियों का कहना है कि सीबीआई को शक है कि इस बंगले को बेचने के लिए ब्लिस एबोदे प्राइवेट लिमिटेड के जरिये राणा कपूर को दी गई बाजार भाव के आधे की छूट असल में यस बैंक से गौतम थापर की कंपनी अवंता रियल्टी एंड ग्रुप कंपनीज को दिए गए 1900 करोड़ रुपये के कर्ज की वसूली नहीं करने के लिए थी। इसी कारण सीबीआई ने इस मामले में पिछले सप्ताह कपूर व बिंदु के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी।
कपूर की पत्नी बिंदु ब्लिस एबोदे के दो निदेशकों में से एक है। सीबीआई ने यह सवाल उठाया है कि जब कपूर दंपती ने बंगला महज 378 करोड़ रुपये में खरीदा था, तो उसे तत्काल ही इंडियनबुल्स हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड को 685 करोड़ रुपये के कर्ज के बदले गिरवी कैसे रख दिया? इसका मतलब बंगला बाजार भाव से करीब 307 करोड़ रुपये कम में खरीदा गया।