बड़कोट। यमुना नदी में कटाव से यमुनोत्री मंदिर का निचला हिस्सा खतरे की जद में आ गया है। इसकेसाथ ही यमुनोत्री धाम में स्नान घाट एवं सार्वजनिक शौचालय को जोड़ने वाली अस्थायी पुलिया बृहस्पतिवार को यमुना में बह गई। जिससे तीर्थयात्रियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। यहां अनियमित विद्युत आपूर्ति की समस्या भी बनी हुई है। तीर्थ पुरोहितों ने प्रशासन से इस संबंध में कार्रवाई की मांग की है।
पिछले वर्ष यमुना नदी में आए मलबे को अब तक व्यवस्थित नहीं किया गया है। जिससे तीर्थयात्री जोखिम उठाकर यमुना में डुबकी लगाने को मजबूर हैं। बृहस्पतिवार को यमुना में पानी बढ़ने पर यहां लगी अस्थायी पुलिया ढह गई। जिससे तीर्थयात्री स्नान घाट एवं सार्वजनिक शौचालय तक नहीं जा पा रहे हैं। यमुना के बहाव से मंदिर के निचले हिस्से में कटाव का खतरा मंडराने लगा है।
यमुनोत्री मंदिर समिति के उपाध्यक्ष पवन प्रकाश उनियाल, पुरुषोत्तम उनियाल, मनमोहन उनियाल आदि का कहना है कि यदि शीघ्र यहां बेतरतीब बिखरे मलबे को नहीं हटवाया गया तो बरसात सीजन में मंदिर पर खतरा हो सकता है। उन्होंने कहा कि घंटों बिजली न आने से मंदिर में आरती व पूजा-अर्चना दीपक की रोशनी में करनी पड़ रही है। तीर्थ पुरोहितों ने प्रशासन से यमुनोत्री धाम की व्यवस्थाएं दुरुस्त करने की मांग की है।