पंजाब कैबिनेट ने प्रदेश के छह लाख कर्मचारियों और पेंशनरों को बड़ा तोहफा दिया है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने छठे वेतन आयोग का बकाया, लीव एनकैशमेंट और पेंशन का एरियर देने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। मुख्यमंत्री ने निजी बिल्डरों पर नकेल कसने के प्रस्ताव को भी मंजूर कर दिया है। इसका सीधा फायदा आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों और लोगों को होगा।
मुख्यमंत्री ने प्रदेशभर में 700 एकड़ जमीन चिह्नित की है, जो निजी बिल्डरों या सरकार के पास ईडब्ल्यूएस कोटे के तहत पड़ी थी। अब सरकार इस 700 एकड़ जमीन को ओपन मार्केट में बेचकर आर्थिक रूप से कमजोर (ईडब्ल्यूएस) नागरिकों के लिए 1500 एकड़ जमीन पर उन्हें प्लॉट उपलब्ध कराएगी। इसके साथ पंजाब सरकार ने अलग-अलग विभागों में तीन हजार पदों पर भर्ती को मंजूरी दी है। वहीं, 24 और 25 फरवरी को कैबिनेट ने पंजाब विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया है। इस विशेष सत्र में सरकार अपने लंबित संवैधानिक कार्यों को पूरा करेगी। चार महीने बाद वीरवार को पंजाब सचिवालय में हुई कैबिनेट की बैठक की अध्यक्षता करते हुए मु्ख्यमंत्री ने 17 अहम फैसले लिए गए।
कैबिनेट की बैठक में कर्मचारियों और पेंशनर्स को बकाया देने के फैसले की जानकारी देते वित्तमंत्री हरपाल सिंह चीमा ने बताया कि सरकार वित्तीय वर्ष 2025-26 के अप्रैल माह से यह बकाया देना शुरू करेगी। वर्ष 2028 तक यह बकाया पूरा हो जाएगा। इससे पंजाब सरकार पर अप्रैल 2025 से हर माह 200 करोड़ का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। 14 हजार करोड़ रुपये से बकाया का भुगतान होगा। एक जनवरी 2016 से 30 जून 2022 तक का रिवाइजड पे, पेंशन, लीव एनकैशमेंट और एक जुलाई 2021 से 31 मार्च 2024 तक का डीए और डीआर दिया जाएगा। वित्तमंत्री चीमा ने कहा कि जिन निजी बिल्डरों ने अपने प्रोजेक्ट में ईडब्ल्यूएस कोटा के तहत जमीनों पर अवैध निर्माण किया है, सरकार उसकी भरपाई वसूलने के साथ जुर्माना भी लगाएगी।