देहरादून। लंढौर में जीर्ण-शीर्ण हो चुके भवनों के जीर्णोद्धार की योजना में मसूरी को भी शामिल कराने का कुछ अधिकारियों का खेल पर सरकार ने ‘बंद’ कर दिया है। तीन दिन पूर्व जारी शासनादेश में स्पष्ट कर दिया गया है कि सिर्फ लंढौर के ही 115 भवनों को योजना में शामिल किया जाएगा। इसके बाद एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी की शह पर मसूरी से खिलवाड़ की आशंका भी खत्म हो गई है।
अमर उजाला ने 11 मई के अंक में ‘एक होटल के लिए मसूरी से खिलवाड़’ शीर्षक से विस्तृत रिपोर्ट प्रकाशित की थी। बताया था कि मसूरी के लाइब्रेरी प्वाइंट से एलबीएस के बीच एक होटल के नवनिर्माण को लंढौर के लिए प्रस्तावित योजना में मसूरी को भी शामिल करने के लिए कुछ अधिकारी पूरा जोर लगाए हुए थे। यह होटल वरिष्ठ अधिकारी का है। खबर का संज्ञान लेते हुए मुख्य सचिव सुभाष कुमार ने सचिव आवास एमएच खान से पूरी फाइल तबल की। उन्होंने निर्देश दिया कि लंढौर के नाम पर शासनादेश में कोई हेरफेर न किया जाए। इसके बाद तीन दिन पूर्व सचिव आवास की ओर से शासनादेश जारी कर दिया गया। इसकी एक प्रति बृहस्पतिवार को एमडीडीए को प्राप्त हो गई।