

हरियाणा के पुलिस महानिदेशक मनोज यादव ने बताया कि हरियाणा पुलिस लगभग 48 घंटों में राज्य के 15 जिलों में तब्लीगी जमात के 1305 से अधिक लोगों को ट्रैक करने में सफल रही है। पुलिस द्वारा इन उच्च जोखिम वाले व्यक्तियों को ट्रैक कर कोविड-19 प्रोटोकॉल के अनुसार उनकी चिकित्सकीय जांच करवाकर उन्हें क्वारंटीन में भेजा है।
उन्होंने खुलासा करते हुए बताया कि केंद्रीय एजेंसियों ने 31 मार्च को दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज के बारे में हरियाणा पुलिस को सतर्क किया गया था। तब्लीगी जमात के वर्करों की उपस्थिति से उत्पन्न खतरे के मद्देजनर एक विस्तृत योजना तैयार कर सभी जिला पुलिस इकाइयों को हरियाणा के विभिन्न हिस्सों में जमात की पार्टियों को ट्रैक करने और कार्रवाई को कहा गया।
उच्च जोखिम समूह का गठन
6 देशों के निवासी हैं ये जमाती
डीजीपी मनोज यादव के अनुसार इनमें से 106 जमाती विदेशी नागरिक हैं। जिन्हें हरियाणा के पांच अलग-अलग जिलों फरीदाबाद, अंबाला, पानीपत, पलवल और नूंह से ट्रैक किया गया है। ये विदेशी ज्यादातर इंडोनेशिया, फिलीपींस, नेपाल, बांग्लादेश, श्रीलंका और थाईलैंड से संबधित हैं। इन सभी को क्वारंटीन में रखा गया है और इनके पासपोर्ट पुलिस ने कब्जे में ले लिए हैं।
इन पांच जिलों में आईपीसी और विदेशी अधिनियम के प्रावधानों के तहत पांच अलग-अलग एफआईआर दर्ज की गई हैं। महाराष्ट्र, तमिलनाडु, असम, बिहार आदि राज्यों के 933 जमातियों पर भी नजर रखी गई है। उनके सैंपल एकत्र कर जांच को भेजा गया है। पुलिस ने हरियाणा से संबंधित 266 जमात के लोगों को भी ट्रैक किया है, जो अलग-अलग राज्यों में तब्लीग के लिए गए थे। पिछले 10 दिनों के दौरान अपने गांवों में वापस आए हैं। चूंकि वे कोरोना वायरस के संभावित वाहक भी हैं, इसलिए उन्हें क्वारंटीन में रखा गया है। वे ज्यादातर गुरुग्राम, पंचकूला, यमुनानगर, पानीपत, नूंह, सोनीपत, जींद और पलवल जिलों से हैं।